पब्लिश्ड 18:08 IST, January 22nd 2025
मंत्रिमंडल ने कच्चे जूट का एमएसपी छह प्रतिशत बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल किया
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल करने की बुधवार को मंजूरी दे दी।
- बिज़नेस न्यूज़
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल करने की बुधवार को मंजूरी दे दी। यह कच्चे जूट के पिछले एमएसपी से 315 रुपये प्रति क्विंटल यानी छह प्रतिशत अधिक है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी। गोयल ने कहा कि नया एमएसपी अखिल भारतीय भारांश औसत उत्पादन लागत पर 66.8 प्रतिशत ‘रिटर्न’ को सुनिश्चित करता है जिससे जूट उत्पादकों को लाभ होगा।
सरकार ने कच्चे जूट पर एमएसपी को 2014-15 के 2,400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2025-26 विपणन सत्र के लिए 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जो 2.35 गुना वृद्धि है।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, विपणन सत्र 2025-26 के लिए कच्चे जूट का स्वीकृत एमएसपी, बजट 2018-19 में सरकार द्वारा घोषित अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने के सिद्धांत के अनुरूप है।
गौरलतब है कि 40 लाख कृषक परिवारों की आजीविका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जूट उद्योग पर निर्भर है। जूट मिलों और जूट के व्यापार से करीब चार लाख श्रमिकों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। गत वर्ष 1.7 लाख किसानों से जूट की खरीद की गई थी। जूट उत्पादन में 82 प्रतिशत किसान पश्चिम बंगाल से हैं, जबकि असम तथा बिहार की जूट उत्पादन में 9-9 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
विज्ञप्ति में कहा गया, भारतीय जूट निगम (जेसीआई) मूल्य समर्थन परिचालन के लिए केन्द्र सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में काम करना जारी रखेगी। ऐसे परिचालनों में होने वाले नुकसान (यदि कोई हो) की पूरी भरपाई केन्द्र सरकार करेगी।
अपडेटेड 18:08 IST, January 22nd 2025