Published 18:42 IST, August 26th 2024
Mathura: जन्माष्टमी पर मथुरा से देखना चाहते हैं कान्हा का LIVE जन्मोत्सव? तो ये है पूरा टाइम टेबल
भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में आज कान्हा के जन्मदिन पर खास तैयारियां की गई हैं। मंदिर को लाला के आने की खुशी में दुल्हन की तरह सजाया गया है।
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Janmashtami 2024: देश भर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बड़ी धूम-धाम से मनाई जा रही है। भक्त अपने आराध्य के जन्म का इंतजार पलकें बिछाए कर रहे हैं। मंदिरों में भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगी हैं। मंदिरों में भगवान के स्वागत के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं।
भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में आज कान्हा के जन्मदिन पर खास तैयारियां की गई हैं। मंदिर को लाला के आने की खुशी में दुल्हन की तरह सजाया गया है।
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जन्मभूमि मंदिर में जन्माष्टमी का पूरा कार्यक्रम
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पट रात 2 बजे तक खुलेंगे। यहां 11 बजे भगवान की 1008 कमल पुष्पों से पूजा होगी। इसके बाद नवग्रह पूजन, श्री गणेश पूजन होगा। उसके बाद फिर आरती की जाएगी।
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करीब 11 बजकर 55 मिनट पर 5 मिनट के लिए पट बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद रात 12 बजे पट खुलेंगे और पूरा मंदिर भगवान श्री कृष्ण के जयकारों से गुंजायमान हो उठेगा। 12 बजकर 5 मिनट पर भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को गर्भ गृह से बाहर लाया जाएगा। जहां चांदी से बनी गाय से पहले अभिषेक होगा। इसके बाद पंचामृत से अभिषेक होगा। यह अभिषेक रात 12 बजकर 40 मिनट तक चलेगा।
जन्माष्टमी व्रत में किन नियमों का करना चाहिए पालन?
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- जन्माष्टमी के दिन व्रत की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर नहा-धोकर करें फिर साफ कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें।
- इस दिन आप फलाहार या जलाहार ले सकते हैं।
- ध्यान रहे कि व्रत के दौरान सात्विक रहें और शाम को पूजा करने से पहले एक बार फिर से स्नान कर लें।
- जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है और उन्हें नहला धुलाकर नए कपड़े पहनाएं जाते हैं। साथ ही उनका श्रृंगार कर जन्म के बाद उन्हें झूला झूलाने की भी परंपरा है। इसलिए घर के सभी सदस्यों को लड्डू गोपाल को झूला झूलाना चाहिए।
- जन्माष्टमी के जरूरतमंद को दान दें। इस दिन दान-पुण्य करने से भगवान कृष्ण का आशीर्वाद मिलता है और जातकों पर हमेशा उनकी कृपा बनी रहती है।
- जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को पंचामृत से स्नान कराया जाता है। कहा जाता है कि पूजा के बाद सबसे पहले पंचामृत का ही प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।
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18:40 IST, August 26th 2024