Published 11:12 IST, September 17th 2024
Vishwakarma Puja Mantra 2024: विश्वकर्मा पूजा में जरूर करें इन मंत्रों का जाप, जानें आरती भी...
Vishwakarma Puja Mantra 2024: यदि आप विश्वकर्मा पूजा में मंत्रों का जाप करना चाहते हैं तो यहां दिए गए मंत्र और आरती दोनों ही आपके काम आ सकती हैं।
Vishwakarma Puja Mantra 2024: बता दें कि इस साल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर यानी आज मनाई जा रही है। ऐसे में यदि आप आज के दिन विश्वकर्मा भगवान को प्रसन्न करना चाहते हैं तो यहां दिए गए मंत्र आपके काम आ सकते हैं। इस दिन विश्वकर्मा भगवान की आरती भी कर सकते हैं।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप आज किन मंत्रों और आरती का जाप कर सकते हैं।
विश्वकर्मा पूजा के मंत्र (Vishwakarma Puja Mantra)
- ओम आधार शक्तपे नम:।
- ओम् कूमयि नम:।
- ओम अनन्तम नम:।
- पृथिव्यै नम: मंत्र।
- ॐ धराधराय नमः
- ॐ स्थूतिस्माय नमः
- ॐ विश्वरक्षकाय नमः
- ॐ दुर्लभाय नमः
- ॐ स्वर्गलोकाय नमः
- ॐ पंचवकत्राय नमः
- ॐ विश्वलल्लभाय नमः
- ॐ धार्मिणे नमः
भगवान विश्वकर्मा आरती (Bhagwan Vishwakarma Aarti)
ॐ जय श्री विश्वकर्मा, प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।
सकल सृष्टि के कर्ता, रक्षक श्रुति धर्मा॥ ॐ जय…
आदि सृष्टि में विधि को श्रुति उपदेश दिया।
जीव मात्रा का जग में, ज्ञान विकास किया॥ ॐ जय…
ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नहीं पाई।
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई॥ ॐ जय…
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना।
संकट मोचन बनकर, दूर दुःख कीना॥ ॐ जय…
जब रथकार दंपति, तुम्हरी टेर करी।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत हरी सगरी॥ ॐ जय…
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप सजे॥ ॐ जय…
ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे।
मन दुविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे॥ ॐ जय…
“श्री विश्वकर्मा जी” की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत गजानंद स्वामी, सुख संपति पावे॥ ॐ जय…
विश्वकर्मा जी की दूसरी आरती (Vishwakarma Aarti)
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
आदि सृष्टि मे विधि को, श्रुति उपदेश दिया ।
जीव मात्र का जग में, ज्ञान विकास किया ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
ऋषि अंगीरा तप से, शांति नहीं पाई ।
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना ।
संकट मोचन बनकर, दूर दुःखा कीना ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
जब रथकार दंपति, तुम्हारी टेर करी ।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत सगरी हरी ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप साजे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
ध्यान धरे तब पद का, सकल सिद्धि आवे ।
मन द्विविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
श्री विश्वकर्मा की आरती, जो कोई गावे ।
भजत गजानांद स्वामी, सुख संपति पावे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Updated 11:14 IST, September 17th 2024