Published 09:59 IST, May 16th 2024

Pradosh Vrat 2024: साल का पहला सोम प्रदोष व्रत कब? जानिए डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Som Pradosh Vrat 2024: मई के महीने में सोम प्रदोष व्रत की तारीख क्या होगी और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या होगा? आइए यहां जानते हैं।

सोम प्रदोष व्रत 2024 | Image: Pixabay
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Pradosh Vrat: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। इस व्रत में विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है। पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हालांकि अगर इस व्रत की तिथि सोमवार के दिन पड़ रही हो तो इसका महत्व दोगुना हो जाता है।

प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद सदैव अपने भक्तों पर बना रहता है। इतना ही नहीं इससे व्यक्ति के जीवन में चल रहे दुखों का नाश होता है। ऐसे में चलिए जान लेते हैं कि मई के महीने में ये व्रत किस दिन पड़ रहा है।

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सोम प्रदोष व्रत 2024 की तिथि (Som Pradosh Vrat 2024 Date)

हिन्दू पंचाग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की प्रदोष तिथि 20 मई सोमवार के दिन दोपहर 3 बजकर 57 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 21 मई मंगलवार शाम को 5 बजकर 37 मिनट पर खत्म होगी। अब चूंकि प्रदोष तिथि में प्रदोष काल यानी शाम के समय पूजा किए जाने का विधान है, इसलिए सोमवार, 20 मई को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस तिथि के दिन सोमवार पड़ने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा।

सोम प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त (Som Pradosh Vrat 2024 Shubh Muhurat)

सोमवार, 20 मई को शाम 6 बजकर 15 मिनट से लेकर 7 बजकर 20 मिनट तक पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त रहेगा। इस समय आप भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर सकते हैं।

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सोम प्रदोष व्रत 2024 पूजा विधि (Som Pradosh Vrat 2024 Puja Vidhi)

  • शाम के समय पूजा के शुभ मुहूर्त से पहले स्नान करने के बाद साफ व पीले रंग के कपड़े पहनें।
  • फिर भगवान शिव और माता पार्वती समेत उनके पूरे परिवार और अन्य देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें।
  • इसके बाद संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं।
  • अब शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करें।
  • भगवान को साबूदाने की खीर का भोग लगाएं।
  • पूजा करने के बाद प्रदोष व्रत की कथा सुनें।
  • इसके बाद घी के दीपक से भगवान शिव की आरती करें।
  • आखिर में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
  • इसके बाद भगवान से क्षमा आदि मांगकर जो भी विनती आपको करनी है वह करें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

09:59 IST, May 16th 2024