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Published 07:13 IST, October 7th 2024

Navratri Day 5th: नवरात्रि के 5वें दिन करें देवी स्कंदमाता की पूजा, जानिए मुहूर्त और सही पूजन विधि

Maa Skandmata Puja Muhurat: नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं इनकी पूजन विधि के बारे में।

Reported by: Kajal .
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नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा | Image: freepik

Maa Skandmata Puja Vidhi: शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) के पांचवें दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां स्कंदमाता (Maa Skandmata) की पूजा की जाती है। स्कंद यानी कार्तिकेय की माता होने की वजह से दुर्गा के इस रूप का नाम मां स्कंदमाता रखा गया है।

मान्यता है कि जो भक्त मां स्कंदमाता की पूजा पूरे विधि-विधान से करते हैं मां उन पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखती हैं। मां की भक्ति करने से व्यक्ति में बुद्धि और विवेक की वृद्धि होती है। अगर आप चाहते हैं कि मां स्कंदमाता आप पर कृपा बनाए रखें तो आपको शुभ मुहूर्त में पूरे विधि-विधान के साथ मां की पूजा करनी चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में

मां स्कंदमाता की पूजा का शुभ मुहूर्त (Maa Skandmata Puja Muhurat)

पंचांग के अनुसार, देवी स्कंदमाता की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 04 बजकर 39 मिनट से सुबह ही 05 बजकर 28 मिनट के बीच हो सकती थी। इसके साथ ही अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर के 12 बजकर 32 मिनट तक है। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर के 2 बजनकर 06 मिनट से 2 बजकर 52 मिनट तक है। पूजा के लिए गोधूलि मुहूर्त शाम 6 से 6 बजकर 24 मिनट तक है। इसके अलावा निशिता मुहूर्त रात 11 बजकर 44 मिनट से रात 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। ये सभी मुहूर्त पूजा के लिए अति शुभ रहेंगे।

मां स्कंदमाता की पूजा भोग (Maa Skandmata Puja Bhog)

नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता को केले के हलवे का भोग जरूर लगाएं। ये भोग माता को अति प्रिय है।

मां स्कंदमाता की पूजा विधि (Maa Skandmata Puja Vidhi)

  • नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वस्छ कपड़े पहनें।
  • मां स्कंदमाता की पूजा के लिए सफेद या पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ रहेगा।
  • इसके बाद मंदिर के पास आसन बिछाएं और उसपर बैठकर मां स्कंदमाता का ध्यान करें।
  • पूजा के लिए हाथ में लाल पुष्प लेकर देवी स्कंदमाता का आह्वान करें।
  • इसके बाद देवी स्कंदमाता को अक्षत, धूप, गंध, फूल, बताशा, पान, सुपारी, लौंग अर्पित करें।
  • अब मां के सामने घी का दीपक जलाकर उनकी आरती करें।
  • इसके बाद माता को केले के हलवे या केले से बने किसी अन्य मिष्ठान का भोग लगाएं।
  • आखिर में शंख बजाकर और मंत्रों का जाप करें।

मां स्कंदमाता मंत्र जाप (Maa Skandmata Mantra)

या देवी सर्वभूतेषू मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 07:14 IST, October 7th 2024

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