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Published 09:26 IST, August 3rd 2024

सावन में शनिवार के दिन शनिदेव के साथ करें भोलेनाथ की पूजा, हर मुसीबत का होगा नाश; मिलेगा मनचाहा फल

Sawan mein Shanidev aur Shivji Pujan: सावन के महीने में शनिवार के दिन आपको शनिदेव के साथ-साथ भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।

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Sawan 2024: सावन (Sawan) का पावन महीना सोमवार, 19 अगस्त को खत्म होगा। सावन का महीना भगवान शिव (Lord Shiv) को समर्पित है। इस पूरे महीने में भक्त भगवान शिव की आराधना करते हैं। वैसे तो ये पूरा महीना ही बेहद खास होता है लेकिन इस महीने में पड़ने वाले शनिवार का अलग ही महत्व है। शनिवार के दिन वैसे तो भगवान शनि (Lord Shani) की उपासना की जाती है, लेकिन सावन का महीना होने के कारण शनिवार को शनिदेव के साथ-साथ भगवान शिव की पूजा करना अति शुभ माना जाता है।

दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि माना जाता है कि कर्म फल दाता शनिदेव भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त है, लिहाजा अगर कोई व्यक्ति शनिवार को शनिदेव के साथ-साथ भोलेनाथ की भी पूजा करता है तो उसे भगवान दोगुना फल देते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि शनिवार के दिन आप किस विधि से शनिदेव और भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।

शिवजी की पूजा विधि  (Shivji Ki Puja Vidhi)

  • सावन में शनिवार के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • फिर सफेद रंग के साफ वस्त्र पहनें।
  • इसके बाद एक गहरे बर्तन या लोटे में शिवलिंग के अभिषेक के लिए जल तैयार करें।
  • इस जल में दूध, दही, घी, गंगाजल आदि मिलाएं और मंदिर में शिवलिंग पर धारा बनाकर शिव का अभिषेक करें।
  • शिव जलाभिषेक के दौरान आपको 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करते रहना है।
  • अब शिवजी के सामने धूप और घी का दीपक जलाएं।
  • इसके बाद आप शिवजी को बेलपत्र, धतूरा, भांग, फूल, चंदन, भस्म, फल आदि चीजें चढ़ाएं।
  • इस दिन भोलेनाथ को घर पर बनी मखाने की खीर का भोग लगाएं।
  • अब शिव चालीसा का पाठ करें। इस दौरान आपको शिव परिवार की भी आराधना करनी है।
  • अंत में शिवजी से क्षमा प्रार्थना कर उन्हें भोग लगाई गई खीर को सभी लोगों में प्रसाद के रूप में वितरित कर दें।

शनिदेव की पूजा विधि (Shanidev Ki Puja Vidhi)

  • वहीं, सावन में शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने के लिए भी आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करना है।
  • इस दिन नहाने के बाद नीले या काले रंग के साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • इसके बाद शनि मंदिर जाकर सरसों के तेल में काला तिल डालकर शनिदेव को अर्पित करें।
  • अब शनिदेव के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर प्रार्थना करें और शनि चालीसा का पाठ करें।
  • इसके बाद 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का जाप करें।
  • शनिदेव को तिल, गुड़, खिचड़ी, काले तिल से बनी चीजों का भोग लगाएं।
  • आखिर में शनिदेव से क्षमा प्रार्थना करें और अर्पित किए गए भोग को प्रसाद के रूप में घर के सभी सदस्यों में वितरित करें। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 09:26 IST, August 3rd 2024

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