Published 16:33 IST, October 12th 2024
Ravan Dahan Muhurat 2024: रावण दहन में बस कुछ घंटे बाकी, जानें पूजा विधि और पुतला जलाने का मुहूर्त
Dussehra: 12 अक्टूबर 2024 दिन शनिवार को दशहरे का पर्व मनाया जा रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि पूजा की विधि क्या है और रावण दहन का समय क्या है?
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Ravan Dahan Muhurat 2024: हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को बड़ी ही धूम-धाम से दशहरे (Dussehra) का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस दिन भगवान राम ने लंकापति रावण (ravan dahan) का वध कर बुराई पर अच्छाई की जीत का आधिपत्य स्थापित किया था, जिसके बाद से इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाने लगा और इस दिन रावण दहन (ravan dahan 2024) की परंपरा निभाई जाने लगी, जिसे दशहरा के नाम से जाना जाता है। हालांकि शास्त्रों के मुताबिक रावण दहन हमेशा शुभ मुहूर्त (ravan dahan shubh muhurat) में ही करना चाहिए, तो चलिए जानते हैं कि इस बार रावण के पुतले को जलाने का कौन सा शुभ मुहूर्त है।
पंचांग के मुताबिक दशहरा (Dussehra) दो दिन का पड़ रहा है। आश्विन माह की दशमी तिथि 12 अक्टूबर 2024 दिन शनिवार की सुब 10 बजकर 58 मिनट से हो रही है, जिसका समापन 13 अक्टूबर दिन रविवार की सुबह 9 बजकर 8 मिनट पर होगा। ऐसे में दशहरे (Dussehra 2024) का पर्व 12 अक्टूबर 2024 दिन शनिवार को मनाया जा रहा है। तो चलिए जानते हैं कि रावण दहन (ravan dahan shubh muhurat) का शुभ मुहूर्त क्या है?
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रावण दहन का शुभ मुहूर्त (Ravan Dahan Timing)
आपको बता दें कि शास्त्रों के मुताबिक रावण दहन (kab hota hai ravan dahan) हमेशा प्रदोष काल (prosh kaal) में ही किया जाता है। ऐसे में रावण दहन का शुभ मुहूर्त 12 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 53 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इस बीच सभी जगहों पर रावन के पुतले को अग्नि के हवाले कर दिया जाएगा, लेकिन इसके पहले दशहरा की पूजा का विधान है। आइए जानते हैं रावण दहन (t=ravan dahan vidhi) के पहले किस विधि से पूजा की जाती है।
रावण दहन से पहले इस विधि से करें पूजा (Ravan dahan puja vidhi)
- दशहरा के दिन सुबह जल्दी उठकर नहाधोकर गेहूं या फिर चूने से दशहरा की प्रतिमा बनाएं।
- इसके बाद गाय के गोबर से नौ गोले यानी कंडे बना लें।
- फिर इन कंडों पर जौ और दही लगाएं। इसके बाद गोबर से दो कटोरियां बना लें। एक कटोरी में कुछ सिक्के भर दें और दूसरी में रोली, चावल, फल, फूल, और जौ डाल दें।
- इसके बाद गेहूं या चूने बनाई प्रतिमा पर केले, मूली, ग्वारफली, गुड़ और चावल चढ़ाएं।
- फिर उसके समक्ष धूप-दीप इत्यादि प्रज्वलित करें।
- फिर जब रावण दहन हो जाए तो घर के बड़े लोगों का आशीर्वाद लें।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
16:33 IST, October 12th 2024