Published 23:59 IST, April 16th 2024

Ram Navami Puja Vidhi: रामनवमी पर रामलला को करना है प्रसन्न? इस विधि से करें पूजा, पूरी होगी इच्छा

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तिथि पर श्री राम का जन्म हुआ था और तभी से इस दिन को राम जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाने लगा है।

रामनवमी पर कैसे करें पूजा? | Image: Freepik
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Ram Navami Puja Vidhi: देशभर में रामनवमी की धूम देखने को मिल रही है। पूरे साल राम भक्तों को इस दिन का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है। यह हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस मौके पर भगवान राम की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। कहते हैं कि रामनवमी के दिन विष्णु (Vishnu) जी ने राम भगवान के रुप में अपना 7वां अवतार लिया था।

इस दिन भगवान राम (Shri Ram) के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है और 8 प्रहर का उपवास रखा जाता है। यानी भक्तों को सूर्योदय से सूर्योदय तक व्रत पालन करना चाहिए, इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि का विशेष ध्यान रखना होता है। तो चलिए जानते हैं कि रामनवमी पर रामलला की पूजा कब और कैसे करें।

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कब मनाई जाएगी रामनवमी?

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी (Ram Navami Tithi) मनाया जाता है। इस साल इस तिथि की शुरुआत 16 अप्रैल की दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर हो चुकी है और यह 17 अप्रैल की दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के मुताबिक रामनवमी (Ram Navami 2024) का पर्व 17 अप्रैल 2024 दिन बुधवार को मनाया जाएगा। वहीं पंचांग के मुताबिक इस दिन शुभ योगों का संयोग बन रहा है। तो चलिए जानते हैं कि किस मुहूर्त में पूजा करना शुभ होगा।

रामनवमी पर बन रहे हैं ये शुभ योग

इस बार रामनवमी (Ram Navami Shubh Yog) पर पूजा के समय केदार, गजकेसरी, पारिजात, अमला, शुभ, वाशि, सरल, काहल और रवि योग बनेगा। इन 9 शुभ योगों में रामलला की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।

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रामनवमी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

इस साल रामनवमी (Ram Navami Puja Shubh Muhurat) पर भगवान राम की पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगा, जो 12 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। इस समय शुभ चौघड़िया भी रहेगा। वैसे 11 बजकर 50 मिनट से 1 बजकर 38 मिनट तक का समय भी पूजन के लिए लिया जा सकता है।

रामनवमी पर इस विधि से करें रामलला की पूजा

  • रामनवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करें।
  • फिर स्नान आदि करके पीले रंग के कपड़े पहनें।
  • इसके बाद घर के मंदिर में व्रत का संकल्प लें।
  • इस दिन घर के मुख्य द्वार को वंदनवार, रंगोली, फूलों से सजाएं।
  • फिर रामजी की पीतल की मूर्ति है तो गंगाजल और दूध, दही, घी, शहद, शक्कर से अभिषेक करें. साफ पानी से स्नान कराएं।
  • फिर उन्हें हल्दी, कुमकुम, चंदन, चावल चढ़ाएं।
  • घी का दीपक जलाएं और पंजीरी, खीर या अन्य मिष्ठान का भोग लगाएं और फिर आरती करें।
  • इस दिन घर में सुंदरकांड या रामायण पाठ करना शुभ होता है।
  • सुगंधित फूल आदि पूजन सामग्री राम जी के साथ सीता माता, हनुमान जी को भी अर्पित करें।
  • फिर दोपहर के 12 बजे शंखनाद कर रामजन्म की खुशी मनाएं, घर की छत पर भगवा झंडा फहराएं।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

23:59 IST, April 16th 2024