पब्लिश्ड 00:00 IST, January 11th 2025
भाजपा नेता 2023 के मप्र चुनाव में महिला नेता से मिली ‘हार को स्वीकार करें’ : न्यायालय
SC ने BJP नेता राहुल सिंह लोधी से कहा कि वह इस तथ्य को स्वीकार करें कि वह 2023 के MP विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की महिला उम्मीदवार चंदा सिंह गौर से लगभग 9,000 मतों से हार गए थे।
- भारत
- 2 min read
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)नेता राहुल सिंह लोधी से कहा कि वह इस तथ्य को स्वीकार करें कि वह 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की महिला उम्मीदवार चंदा सिंह गौर से लगभग 9,000 मतों से हार गए थे।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने भाजपा नेता गौर द्वारा दाखिल याचिका पर लोधी से जवाब तलब किया। गौर ने उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है जिसने भाजपा नेता की याचिका की पोषणीयता के खिलाफ दाखिल उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
पीठ ने लोधी को नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया, ‘‘चुनाव याचिका में आगे की कार्यवाही स्थगित की जाएगी।’’
पीठ ने लोधी के वकील से कहा, ‘‘एक महिला उम्मीदवार द्वारा प्रचंड बहुमत से पराजित किए जाने के कारण आप अपमानित महसूस कर रहे हैं। आप लगभग 9,000 मतों के अंतर से हार गए हैं। आपको इस तथ्य के साथ सामंजस्य बिठाना चाहिए।’’
अदालत ने इसी के साथ मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख तय की है।
गौर ने 2023 के विधानसभा चुनाव में राज्य के टीकमगढ़ जिले की खरगापुर विधानसभा सीट से लोधी को हराया था।
लोधी ने इस सीट से अपने चुनाव को उच्च न्यायालय में चुनौती दी और आरोप लगाया कि गौर ने गलत हलफनामा दायर किया और अपने नामांकन पत्र में गलत जानकारी दी।
लोधी हालांकि 2024 के संसदीय चुनावों में दमोह लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए।
लोधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एएनएस नाडकर्णी ने कहा कि चुनाव याचिका इस आधार पर है कि प्रतिवादी ने गलत हलफनामा दाखिल किया है।
गौर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने कहा कि भले ही चुनाव याचिका में किए गए दावों को सच माना जाए, लेकिन ‘‘भ्रष्ट आचरण’’ का कोई मामला नहीं बनता है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी चुनाव याचिका की पोषणीयता को चुनौती दी जाती है तो अदालत यह जांचने के लिए बाध्य है कि क्या सामग्री केवल पढ़कर प्रस्तुत की गई।’’
गौर ने 23 अक्टूबर 2024 के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी, जिसमें लोधी की चुनाव याचिका की पोषणीयता पर सवाल उठाने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
अपडेटेड 00:00 IST, January 11th 2025