पब्लिश्ड 11:05 IST, January 9th 2025
Makar Sankranti 2025: 14 या 15 जनवरी, कब है मकर संक्रांति? जानिए सही तारीख, स्नान-दान का मुहूर्त और पूजा विधि
Makar Sankranti 2025 Date: आइए जानते हैं कि मकर संक्रांति का त्योहार इस साल किस तारीख को मनाया जाने वाला है।
- धर्म और आध्यात्मिकता
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Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति को खिचड़ी, उत्तरायण जैसे नामों से भी जाना जाता है। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान किए जाने के साथ-साथ दान और सूर्य की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि जो भक्त मकर संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा, गंगा स्नान और दान का कार्य करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।
ऐसे में इस साल मकर संक्रांति की तारीख को लेकर काफी कंफ्यूज्ड है। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि इस साल मकर संक्रांति 14 या 15 जनवरी में से किस दिन मनाई जाएगी। साथ ही जानते हैं इस दिन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
मकर संक्रांति 2025 की तारीख (Makar Sankranti 2024 Date)
पंचांग के अनुसार, मकर राशि में सूर्य देव के गोचर करने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस साल सूर्य देव का गोचर मकर राशि में 14 जनवरी को सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर होगा। उस समय सूर्य की मकर संक्रांति होगी। मकर संक्रांति में उदयातिथि की मान्यता नहीं होती है, इसमें सूर्य के मकर राशि में गोचर के समय की मान्यता है। ऐसे में मकर संक्रांति का पावन पर्व मंगलवार, 14 जनवरी के दिन मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति 2025 मुहूर्त (Makar Sankranti 2025 Muhurat)
14 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त सुबह 09 बजकर 03 मिनट से शाम 05 बजकर 46 मिनट तक है, वहीं मकर संक्रान्ति का महा पुण्य काल सुबह 09 बजकर 03 मिनट से सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक है। महा पुण्य काल 1 घंटा 45 मिनट तक है, जबकि पुण्य काल 8 घंटे 42 मिनट तक है।
मकर संक्रांति पर स्नान-दान मुहूर्त (Makar Sankranti 2025 Snaan-Daan Muhurat)
मकर संक्रांति का स्नान और दान 14 जनवरी को पुण्य काल में पूरे समय तक जारी रहेगा। हालांकि आप महा पुण्य काल में सुबह 09 बजकर 03 मिनट से सुबह 10 बजकर 48 मिनट के बीच स्नान और दान का शुभ कार्य कर सकते हैं।
मकर संक्रांति पूजा विधि (Makar Sankranti 2025 Puja Vidhi)
- मकर संक्रांति के दिन सुबह गंगा स्नान करें।
- अगर आप गंगा स्नान नहीं कर सकते हैं तो आप घर में ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं।
- स्नान के बाद लाल, नारंगी या पीले रंग के वस्त्र पहनें।
- इसके बाद पितरों को तर्पण दें।
- फिर सूर्य देव को जल में लाल फूल, लाल चंदन मिलाकर अर्घ्य दें।
- इस बात का खास ध्यान रखें कि जब आप सूर्य देव को अर्घ्य दे दें तो आपको सूर्य मंत्र का जाप और सूर्य चालीसा का पाठ करना है।
- इसके बाद आप दान आदि जैसे शुभ काम कर सकते हैं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
अपडेटेड 11:05 IST, January 9th 2025