Published 12:40 IST, October 27th 2024

महाभारत में कौन थीं धृतराष्ट्र की दादी? जिसे मछली का पेट फाड़कर निकाला बाहर

What happened to Satyavati in the Mahabharata? धृतराष्ट्र की दादी को क्यों मत्स्य कन्या कहा जाता था और इनका जन्म कैसे हुआ? जानते हैं इस लेख के माध्यम से...

how satyavati born | Image: frepik ai
Advertisement

Was Satyavati born from a fish? महाभारत काल में कई ऐसे पात्रों का जिक्र किया गया है जो न केवल रहस्यमयी हैं बल्कि उनसे जुड़ी कई रोचक कहानियां भी हैं। उन्हें में से एक थीं धृतराष्ट्र की दादी। बता दें कि धृतराष्ट्र की दादी कोई और नहीं बल्कि सत्यवती थी, जिनके द्वारा दिलाई गई एक प्रतिज्ञा के कारण महाभारत की पूरी कहानी बदल गई। ऐसे में यह जानना तो बनता है कि सत्यवती को क्यों मत्स्य कन्या कहा जाता था और इनका जन्म कैसे हुआ। 

आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि महाभारत काल में धृतराष्ट्र की दादी का जन्म किस प्रकार हुआ। पढ़ते हैं आगे…

Advertisement

क्या सत्यवती का जन्म मछली से हुआ था?

बता दें कि पौराणिक कथा के अनुसार, राजा सुधन्वा एक बार जंगलों में शिकार खेलने गए। तभी उनकी पत्नी रजस्वला हो गई और उनके मन में गर्भधारण करने की इच्छा जागी तो उन्होंने एक पक्षी के द्वारा राजा को यह संदेश भेजा। राजा ने एक पात्र में अपना वीर्य देकर पक्षी द्वारा रानी तक पहुंचाया। लेकिन वह वीर्य पक्षी से नदी में गिर गया और एक मछली ने उसे ग्रहण कर लिया। वह मछली कोई और नहीं बल्कि एक अप्सरा थी, जिसे ब्रह्मा जी का श्राप था कि वे मछली में बदल जाए। उस मछली ने गर्भधारण किया, उस दौरान एक मछुआरे ने उसको पकड़ लिया। 

चूंकि वह मछली बेहद ही विशाल थी, ऐसे में उसे राजा सुधन्वा के पास ले जाया गया। जब उस मछली का पेट चीरा तो एक लड़का और एक लड़की का जन्म हुआ। राजा ने लड़के को अपने पास रखा और लड़की को मछुआरे को दे दिया। ऐसे में मछुआरे ने ही उसका लालन पालन किया। जैसे-जैसे वह लड़की बड़ी होती गई वैसे-वैसे उसकी सुंदरता भी बढ़ती गई। 

Advertisement

उस लड़की का नाम मत्स्यगंधा पड़ा। हालांकि बाद में ऋषि पराशर ने उसको वरदान दिया कि तुम्हारे शरीर से उत्तम सुगंध निकलेगी, जिससे वह सत्यवती कहलाई। सत्यवती ने ही राजा शांतनु से विवाह किया और भीष्म पितामह को प्रतिज्ञा लेने पर विवश किया कि वह कभी भी विवाह नहीं करेंगे। इसका कारण सिर्फ यह था कि सत्यवती चाहती थीं, उनके बच्चे राजगद्दी पर बैठें। कहते हैं सत्यवती के पुत्र वेदव्यास से ही धृतराष्ट्र और पांडव का जन्म हुआ।

ये भी पढ़ें - क्या आप भी रखते हैं सीक और फूल झाड़ू को एक साथ?

Advertisement

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

08:15 IST, October 27th 2024