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पब्लिश्ड 09:50 IST, December 5th 2024

Guruwar Upay: विष्णु जी के साथ करें मां लक्ष्मी की पूजा, खूब बरसेगा धन; नोट करें पूजन विधि

Maa Lakshmi Ki Puja: गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ आपको मां लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए।

भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी | Image: Freepik

Maa Lakshmi Puja Vidhi: सनातन धर्म में गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कहते हैं इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकमानाएं पूरी होती हैं और उसके जीवन के सभी दुखों का नाश होता है। हालांकि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने से भी आपको इस दिन का दोगुना लाभ मिलता है।

जी हां, मां लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं। साथ ही माता लक्ष्मी को धन और वैभव की देवी भी कहा जाता है। ऐसे में अगर आप गुरुवार के दिन विष्णुजी के साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा करते हैं तो इससे आपकी पूजाक का फल दोगुना हो जाएगा और आपको धन लाभ के साथ-साथ कई अन्य तरह के लाभ भी मिलेंगे। तो चलिए जान लेते हैं कि गुरुवार के दिन आप किसी पूजा विधि के साथ मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं।

मां लक्ष्मी पूजा विधि (Guruwar Lord Vishnu and Goddess Lakshmi Puja Vidhi)

  • गुरुवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें। इसके बाद स्वच्छ व पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
  • अब, घर के मंदिर को साफ कर इसे गंगाजल से शुद्ध करें और लाल रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  • इसके बाद, मंदिर में शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं और धूप जलाकर घंटी बजाएं। फिर रोली, अक्षत, चंदन, गंध, पीले फूल, कमल का फूल, पीले फल और मिठाई का भोग लगाएं।
  • साथ ही भगवान विष्णु को चने की दाल और गुड़ का भोग जरूर लगाएं। पूजा के दौरान विष्णुजी को तुलसी जरूर अर्पित करें।
  • गुरुवार पूजा के दौरान मां लक्ष्मी को श्रृंगार का सामान भी चढ़ाएं। आप चुड़ियां, बिंदी, सिंदूर, कुमकुम आदि चीजें देवी को अर्पित कर सकते हैं।
  • कहते हैं केले के पेड़ में भगवान विष्णु और तुलसी में देवी लक्ष्मी निवास करते हैं। इसलिए भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने के बाद केले के पेड़ और तुलसी माता की पूजा अवश्य करें।
  • आखिर में देवी और देवता को अर्पित किए गए भोग को प्रसाद के रूप में परिवार के सभी सदस्यों में अर्पित करें। तभी आपकी पूजा संपन्न मानी जाएगी। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

अपडेटेड 09:50 IST, December 5th 2024

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