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Published 06:32 IST, November 2nd 2024

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा आज, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Govardhan Puja 2024: आज देशभर में गोवर्धन पर्व मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और सही पूजन विधि क्या है।

गोवर्धन पूजा 2024 | Image: Freepik

Govardhan Puja 2024 muhurat: देशभर में आज यानी शनिवार, 02 नवम्बर को गोवर्धन पर्व मनाया जा रहा है। पांच दिवसीय दीपोत्सव के दौरान गोवर्धन पूजा ठीक दीपावली के अगले दिन की जाती है। इस पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। गोवर्धन पूजा का पावन पर्व हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन मनाया जाता है, जो कि आज है।

दरअसल,  इस तिथि पर गोवर्धन पूजन करने का विधान है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन श्रीकृष्ण के स्वरूप गोवर्धन पर्वत(गिरिराज जी) और गाय की पूजा का विशेष महत्व होता है। गोवर्धन,वृंदावन और मथुरा सहित पूरे बृज में इस दिन जोर-शोर से ये पर्व मनाया जाता है।

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त  (Govardhan Puja 2024 Shubh Muhurt)

गोवर्धन पूजा की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 1 नवबंर को 6 बजकर 16 मिनट से शुरू हो चुकी है और इस तिथि का समापन 2 नवंबर यानी आज रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, इस बार गोवर्धन और अन्नकूट का त्योहार 2 नवंबर को ही मनाया जाएगा। चलिए जानते हैं इस दिन पूजा के मुहूर्त कौन-कौन से रहेंगे।

गोवर्धन पूजा के लिए पहला मुहूर्त सुबह 6 बजकर 34 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 23 मिनट से शाम 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा और तीसरा मुहूर्त शाम 5 बजकर 35 मिनट से लेकर 6 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। इनमें से किसी भी मुहूर्त में गोवर्धन की पूजा करना अति शुभ माना जाएगा।  

गोवर्धन पूजन विधि (Govardhan 2024 Pujan Vidhi)

  • गोवर्धन पूजा के दिन सबसे पहले स्नान करके साफ व स्वच्छ कपड़े पहनें।
  • इसके बाद गोबर से गोवर्धन बनाकर उसे फूलों से सजाया जाता है।
  • पूजा के दौरान गोवर्धन पर धूप, नैवेद्य, दीप फूल और फल आदि चढ़ाए।
  • इस दिन गोबर से गोवर्धन जी को लेटे हुए पुरुष के रूप में बनाया जाता है।
  • गोवर्धन के इस रूप में नाभि की जगह पर मिट्टी का दीया रखा जाता है।
  • इस दीपक में दूध,दही, गंगाजल, शहद और बताशे आदि डाले जाते हैं।
  • फिर इसे पूजा के बाद प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
  • पूजा करने के बाद गोवर्धन जी की सात बार परिक्रमा लगाई जाती है।
  • परिक्रमा के वक्त हाथ में लोटे से जल गिराते हुए और जौ बोते हुए परिक्रमा की जाती है।
  • गोवर्धन पूजा के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा भी की जाती है। इस मौके पर मशीनों और कारखानों की पूजा की जाती है। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 06:32 IST, November 2nd 2024

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