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Published 17:26 IST, September 5th 2024

Ganesh Chaturthi 2024: यहां मौजूद है दुनिया का इकलौता मंदिर, जहां इंसान रूप में पूजे जाते हैं बप्पा

Ganesh Chaturthi: हम सभी लोग गणेश जी की पूजा उनके गजमुख के साथ करते हैं, लेकिन भारत में बप्पा का एक ऐसा मंदिर भी है जहां उन्हें इंसानी रूप में पूजा जाता है।

गणेश जी का अनोखा मंदिर | Image: Freepik
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Unique Temple Of Ganesha On Ganesh Chaturthi 2024: गौरी पुत्र गणेश को सर्वप्रथम पूजनीय स्थान प्राप्त है। किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य की शुरुआत के पहले बप्पा की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि किसी भी काम को करने से पहले इनकी पूजा करने से सारे विघ्न दूर हो जाते हैं और काम बिना किसी रुकावट के पूरा हो जाता है, इसलिए सभी लोग गणेश जी की पूजा करते हैं। वहीं गणेश जी को समर्पित गणेश चतुर्थी का पर्व आने वाला है। हर साल इसे बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसे में आई बप्पा के एक अनोखे मंदिर के बारे में जानते हैं, जहां उनकी पूजा इंसानी रूप में की जाती है।

आमतौर पर मंदिर हो या फिर हर जगह है गणेश भगवान को हम सभी लोगों ने गजमुख यानी हाथी के सिर स्वरूप में देखा है। हम सभी लोगों ने आजतक बप्पा के गजमुख स्वरूप की ही पूजा की है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जहां उनके मनाव स्वरुप की पूजा की जाता है और इतना ही नहीं यह दुनिया का इकलौता मंदिर है, जहां गणेश जी को इंसानी रूप में पूजा जाता है। आइए इस मंदिर के बारे में जानते हैं।

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गणेश जी का मानव स्वरुप वाले मंदिर का क्या है नाम?

हम सभी लोग गणेश भगवान के जिस स्वरुप की पूजा करते हैं वह गजमुख होता है, लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर भी हैं जिसमें बप्पा के मानव स्वरुप को पूजा जाता है। इस मंदिर का नाम Adhi Vinayaka Temple है। इस मंदिर की खास बात यह है कि बप्पा के ऐसे स्वरूप की पूजा केवल भारत में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कहीं नहीं होती।

कहां हैं गणेश जी का मानव स्वरुप वाला मंदिर?

दुनिया का पहला मानव स्वरुप में पूजा जाने वाला गणपति महाराज का आदि विनायक मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य के तिरुवरूर जिले में कुटनूर से लगभग 3 किमी दूर तिलतर्पण पुरी में स्थित है।

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क्यों पड़ा इस मंदिर का नाम आदि विनायक?

इस मंदिर का नाम आदि विनायक इसलिए पड़ा है क्योंकि मंदिर में आदि यानी उनके पहले स्वरुप की पूजा होती है। लोगों का मानना है कि भगवान पहले ऐसे दिखते थे इसलिए इस मंदिर में उनके मानव स्वरुप की पूजा की जाती है। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

17:26 IST, September 5th 2024