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पब्लिश्ड 09:45 IST, September 15th 2024

Anant Chaturdashi 2024: करने जा रहे हैं अनंत चतुर्दशी का व्रत? नोट कर लें डेट, मुहूर्त और पूजा विधि

Anant Chaturdashi 2024: अगर आप भी अनंत चतुर्दशी का व्रत करने वाले हैं तो आपको इस की तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जान लेना चाहिए।

अनंत चतुर्दशी 2024 | Image: Freepik

Anant Chaturdashi 2024: हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा अर्चना की जाती है। अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस भी कहा जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति अनंत चतुर्दशी का व्रत कर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना और व्रत करता है उसकी सारी दुख-परेशानियों का नाश होता है और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है

अनंत चतुर्दशी की तारीख (Anant Chaturdashi 2024 Date)

अनंत चतुर्दशी का पर्व हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल चतुर्दशी तिथि 16 सितंबर 2023 को दोपहर 3 बजकर 10 मिनट से प्रारंभ होकर 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार अनंत चतुर्दशी का व्रत 17 सितंबर, मंगलवार के दिन रखा जाएगा। आइए जानते हैं कि इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या होगा।

अनंत चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त (Anant Chaturdashi 2024 Muhurat)

अनंत चतुर्दशी के दिन अगर आप व्रत करने जा रहे हैं तो आपको इस दिन की पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में पता होना चाहिए। अनंत चतुर्दशी यानी 17 सितंबर को लाभ चौघड़िया मुहूर्त सुबह 10 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में आप विष्णु भगवान समेत मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं।

अनंत चतुर्दशी व्रत की पूजा विधि (Anant Chaturdashi 2024 puja vidhi)

  • अनंत चतुर्दशी का व्रत करने के लिए सुबह उठकर स्नान करें।
  • फिर स्वच्छ या नए वस्त्र पहनें। कोशिश करें कि आप पीले या लाल रंग के कपड़े पहनें।
  • इसके बाद अनंत चतुर्दशी के व्रत का संकल्प लें।
  • अब भगवान विष्णु की प्रतिमा को साफ पानी से स्नान कराकर साफ करें।
  • भगवान विष्णु की प्रतिमा पर गंगाजल छिड़कें और उन्हें नए वस्त्र पहनाएं।
  • अब विष्णु भगवान की पूजा के लिए केसर, कुमकुम, हल्दी, फूल, अक्षत, फल और भोग आदि उनके समक्ष अर्पित करें।
  • अब हल्दी, कुमकुम या केसर से रंगी कच्ची डोरी पर चौदह गाठें बांधकर उसपर अनंत लिखें और फिर इसे अपनी कलाई पर बांध लें।
  • अगर आप अपनी पूजा को पूरा करना चाहते हैं तो पूजा करते समय विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरूर करें।
  • अब आटे की रोटियां या फिर पूड़ी बनाकर प्रसाद के रूप में बांटें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

अपडेटेड 09:45 IST, September 15th 2024

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