Published 19:35 IST, December 21st 2024
कुवैत के मोती भारत के लिए किसी हीरे से कम नहीं, सिर्फ डिप्लोमेसी ही नहीं; दिलों को जोड़ा- पीएम मोदी
कुवैत में 'हाला मोदी' कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कुवैत के मोती भारत के लिए किसी हीरे से कम नहीं रहे हैं।
- प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी
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PM Narendra Modi: कुवैत में 'हाला मोदी' कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कुवैत के मोती भारत के लिए किसी हीरे से कम नहीं रहे हैं। आज भारत की ज्वैलरी की पूरी दुनिया में धूम है, उसमें कुवैत के मोतियों का भी योगदान है। गुजरात में तो हम बड़े-बुजुर्गों से सुनते आए हैं, पिछली शताब्दियों में कुवैत से कैसे कारोबारियों का आना-जाना रहता था। गुजरात के बंदरगाह पुराने संबंधों के साक्षी हैं। गुजरात के बाद कुवैत के व्यापारियों ने मुंबई और भारत के दूसरे बाजारों में पहचान बनाई।
पीएम मोदी ने कहा कि कुवैत के बहुत सारे परिवार आज भी मुंबई की मोहम्मद अली स्ट्रीट में रहते हैं। 60-65 साल पहले कुवैत में भारतीय रुपये वैसे ही चलते थे, जैसे भारत में चलते हैं। तब भारतीय करेंसी की जो शब्दावली थी, रुपया, पैसा, आना, ये भी कुवैत के लोगों के लिए सामान्य था। भारत दुनिया के उन पहले देशों में से एक हैं, जिन्होंने कुवैत की स्वतंत्रता के बाद उसे मान्यता दी थी। जिस देश और समाज से इतनी सारी यादें जुड़ी हैं, जिससे हमारा वर्तमान जुड़ा है, वहां आना मेरे लिए बहुत यादगार है।
कुवैत भारत का बहुत अहम एनर्जी और ट्रैड पार्टनर- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अतीत में कल्चर और कॉमर्स ने जो रिश्ता बनाया था, वो आज नई सदी में नई बुलंदी की तरफ आगे बढ़ रहा है। कुवैत भारत का बहुत अहम एनर्जी और ट्रैड पार्टनर है। कुवैत की कंपनियों के लिए भारत बड़ा निवेश डेस्टिनेशन है। कोरोना में भी दोनों देशों ने एक दूसरे की हर स्तर पर मदद की। जब भारत को जरूरत पड़ी तो कुवैत ने भारत को लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई दी। भारत ने भी कुवैत को वैक्सीन और मेडिकल टीम भेजकर कोविड से लड़ने का साहस दिया। हर सुख-दुख में साथ रहने की परंपरा, हमारे आपसी रिश्ते, आपसी भरोसे की बुनियाद हैं। आने वाले दशकों में हम समृद्धि के बहुत बड़े पार्टनर बनेंगे।
न्यू कुवैत के निर्माण के लिए जो चाहिए, वो भारत के पास है- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि कुवैत के लोग न्यू कुवैत के निर्माण में जुटे हैं, भारत के लोग भी 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने में जुटे हैं। आज भारत इनोवेशन पर बल दे रहा है। न्यू कुवैत के निर्माण के लिए जो चाहिए, वो भारत के पास है। भारत में दुनिया की स्किल कैपिटल बनने का सामर्थ्य है। आने वाले कई दशकों तक भारत दुनिया का युवा देश रहने वाला है। भारत दुनिया की स्किल डिमांड को पूरा करने का सामर्थ्य रखता है। भारत दुनिया की जरूरतों को देखते हुए अपने युवाओं का स्किल डेवलप कर रहा है। दुनिया के देश भी भारत की स्किल मैन पावर के लिए दरवाजे खोल रहे हैं।
Updated 19:35 IST, December 21st 2024