Published 09:44 IST, October 12th 2024
'हिंदुओं... दुर्बल रहना अपराध है', विजयादशमी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- जहां भी हो संगठित रहो
मोहन भागवत ने हिंदुओं से संगठित और सशक्त रहने का आह्वान किया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हिंदू समाज को ध्यान में आना चाहिए कि दुर्बल रहना अपराध है।
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Mohan Bhagwat : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने दुनियाभर से हिंदुओं से संगठित और सशक्त रहने का आह्वान किया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि हिंदू समाज को ध्यान में आना चाहिए कि दुर्बल रहना अपराध है। विजयादशमी के मौके पर नागपुर के कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत भारत के सामने की चुनौतियों पर बात कर रहे थे। उन्होंने बांग्लादेश के हालातों का ध्यान कराया, जहां हिंदुओं पर पिछले दिनों में काफी अत्याचार हुआ।
मोहन भागवत ने कहा कि पहली बार बांग्लादेश में हिंदू संगठित होकर अपने रास्ते पर आया। इसलिए कुछ बचाव हो गया। लेकिन कहीं कोई गड़बड़ हो, दुर्बलों पर अपना गुस्सा निकालने की जो कट्टरपंथी प्रवृति है, वो जब तक वहां (बांग्लादेश) रहेगी तब तक वहां के अल्पसंख्यकों पर खतरे की तलवार लटकी रहेगी। उनको मदद की जरूरत है, विश्वभर के हिंदुओं की और भारत सरकार की सहायता उनको मिले ये उनकी आवश्यकता है। इसी दौरान संघ प्रमुख ने कहा कि इससे हिंदू समाज के भी ध्यान में आना चाहिए कि दुर्बल रहना अपराध है। हम अगर दुर्बल और असंगठित हैं तो इसका मतलब है कि हम अत्याचार को निमंत्रण दे रहे हैं। इसलिए जहां कहीं भी हम हैं, वहां संगठित रहना, सशक्त रहना है। किसी से शत्रुता नहीं करनी है। हिंसक नहीं बनना है। योगदान देने वाले बनना, लेकिन इसका मतलब दुर्बल रहना नहीं है। इसको हमको करना ही होगा।
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भारत के सामने की चुनौतियों पर बोले मोहन भागवत
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने बयान में कहा कि बहुत मायावी रूप धारण करके चुनौतियां बढ़ रही हैं। भारत आगे बढ़ रहा है, लेकिन दुनिया में ऐसी शक्तियां भी हैं जो चाहती हैं कि भारत आगे ना बढ़े। भारत को दबाने के लिए तरह तरह की चालें चलेंगे। भारत को एक विशिष्ट मर्यादा के अंदर ही बढ़ने देने का प्रयास करेंगे और ऐसा हो भी रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक भारत को छोड़कर बाकी विश्व ने अपने स्वार्थ की बलि देकर भी दुनिया को बड़ा करने का मार्ग नहीं पकड़ा है। भारत ये करता है और आज भी कर रहा है। भारत अपने दुश्मन की जरूरत पड़ने भी मदद करता है। दुनिया में शांति रहे, इसलिए भारत ने अपने हितों का बलिदान भी कई बार किया और करते भी हैं, लेकिन ये दुनिया में नहीं है।
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भागवत ने कहा कि भारत आगे बढ़ रहा है, कल चलकर कोई देश हमारा स्पर्धक बनेगा, ऐसा डर जिनको लगता है वो उस देश में तरह तरह के उत्पात करने में कमी नहीं करते हैं। भाषा तो विश्व बंधुत्व की होती है, लेकिन वो वहां तक ही कि अपने निजी स्वार्थ ठीक रहने चाहिए। अपनी सुरक्षा को धक्का नहीं लगना चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि इसलिए दूसरे देशों में कई तरह के उत्पात खड़े करना, जनतांत्रिक तरीके से वहां कोई सरकार चुनकर कारोबार कर रही, उसको नीचे लाना ये दुनिया में चलते रहता है। दुनिया में ऐसी रीति लगभग बन गई है। अब हमारे पड़ोसी बांग्लादेश में भी क्या हुआ, कुछ तात्कालिक कारण और पहलु हैं ये ठीक है, लेकिन इतना बड़ा उत्पात उससे नहीं होता है। ये जिनका विषय है वो उसकी चर्चा करें, लेकिन दो बातें ध्यान में आती हैं, जिसमें पहली बात है कि उस उत्पात के कारण वहां के हिंदू समाज पर अत्याचार को फिर से दोहराया गया।
बांग्लादेश में भारत विरोधी चर्चाओं का मुद्दा उठाया
संघ प्रमुख ने बांग्लादेश में भारत विरोधी चर्चाओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में ऐसी चर्चाए चलती हैं कि भारत से हमको खतरा है, इसलिए पाकिस्तान को साथ लेना चाहिए। वही हमारा प्रामाणिक मित्र है और दोनों मिलकर, क्योंकि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है, हम भारत को रोक सकते हैं। जिस बांग्लादेश के निर्माण में भारत की पूरी सहायता हुई, जिस बांग्लादेश के साथ भारत ने कोई बैर नहीं रखा और आगे भी नहीं रखेंगे, उस बांग्लादेश में ऐसी चर्चाएं हो रही हैं। ये चर्चाएं कौन करा रहा है, ऐसे वर्णन वहां पर चले तो किन किन देशों के हित की बात है, ये सब जानते हैं, इसके लिए नाम लेने की जरूरत नहीं है।
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09:44 IST, October 12th 2024