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पब्लिश्ड 12:01 IST, September 2nd 2024

वाइफ जज, भाई IAS और 10000 रुपये की जिद...कानपुर में डिप्टी डायरेक्टर के डूबने की दर्द भरी दास्तां

कानपुर नदी में डूबने वाले डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्द्धन की पत्नी शैलजा मिश्रा महाराष्ट्र में जज हैं और उनके चचेरे भाई बिहार सीएम नीतीश कुमार के सचिव हैं।

Reported by: Ravindra Singh
वाइफ जज, भाई IAS और 10000 रुपये की जिद...कानपुर में डिप्टी डायरेक्टर के डूबने की दर्द भरी दास्तां | Image: R Bharat

शनिवार (31 अगस्त) को कानपुर में स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्द्धन सिंह की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गई। डिप्टी डायरेक्टर गंगा में डूबते रहे और गोताखोर ने मात्र 10 हजार रुपयों के लिए उन्हें बचाने में देरी कर दी और उनकी मौत हो गई। गोताखोरों की इस ढीठता को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब डिप्टी डायरेक्टर जिसकी पत्नी जज हो और भाई आईएएस हो ऐसे शख्स के साथ ऐसी दुर्घटना हो सकती है तो फिर आम आदमी की क्या बिसात? गोताखोरों ने तब तक मदद नहीं की जब तक कि उनके खाते में 10 हजार रुपए ट्रांसफर नहीं हो गए। हालांकि तब तक देर हो चुकी थी।


स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर के भाई बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सचिव हैं। इस घटना को लेकर लोगों ने प्रशासन पर सीधे सवाल खड़े किए हैं कि जब इतने बड़े अधिकारी और जिसकी पत्नी जज और भाई इतने बड़े ओहदे पर हों उनके साथ ये हरकत की गई है तो सामान्य लोगो का क्या होगा? लोगों का कहना है कि ऐसे में प्रशासन को घाट पर गोताखोरों की तैनाती करनी चाहिए ताकि अगर कोई और इस तरह से नदी में फंस जाए या डूब रहा हो तो कम से कम पहले उसकी जान तो बचाई जा सके।


पत्नी जज और भाई बिहार CM नीतीश के सचिव

ये घटना कानपुर में गंगा नदी के नाना मऊ घाट की है जहां पर शनिवार उन्नाव के निवासी स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह अपने दोस्त के साथ गंगा नहाने के लिए नाना मऊ घाट पहुंचे थे। आदित्य वर्द्धन की पत्नी शैलजा मिश्रा महाराष्ट्र में जज हैं और उनके चचेरे भाई बिहार सीएम नीतीश कुमार के सचिव हैं। घाट पर उनके साध मौजूद उनके दोस्त ने बताया कि जब वो नहा रहे थे तब उन्होंने अपने दोस्त से फोटो लेने को कहा और इसी दौरान उनका पैर नदी के भीतर एक गड्ढे में चला गया और गहराई में जाने की वजह से वो डूबने लगे।


गोताखोर ने सही समय पर छलांग लगाई होती तो बच जाते अधिकारी

जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डूबने लगे तो उनके दोस्तों ने तुरंत पास में खड़े गोताखोरों से उन्हें बचाने के लिए मदद मांगी, लेकिन गोताखोरों उनसे पैसों की डिमांड की और कहा पहले 10 हजार रुपये कैश दो फिर हम मदद करेंगे। डिप्टी डायरेक्टर के दोस्त ने कहा कि हमारे पास अभी दस हजार रुपये नहीं हैं तो इस पर गोताखोर ने कहा कि ऑनलाइन उसके खाते में ट्रांसफर करो और वहीं पर एक शैलेष कश्यप नाम के दुकानदार के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए तब वो डिप्टी डायरेक्टर को बचाने के लिए नदी में कूदे। हालांकि तब तक काफी देर हो चुकी थी और डिप्टी डायरेक्टर डूब कर अपनी जान गवां चुके थे।


देर रात तक नहीं मिली थी डेडबॉडी

आदित्य लखनऊ के इंदिरा नगर में  के रहते थे और उनके माता-पिता उनकी बहन के साथ विदेश में हैं। आदित्य के भाई अनुपम सिंह घटनास्थल पर पहुंच गए थे जबकि उनकी पत्नी सोमवार (2 सितंबर) को वहां पहुंचीं। पुलिस ने हादसे के बाद एसडीआरएफ और गोताखोरों की टीम बुलाई लेकिन देर रात तक उनकी डेडबॉडी नहीं मिली थी। वहीं वो दुकानदार शैलेष गौतम जिसके खाते में उनके दोस्तों ने पैसे ट्रांसफर किए थे उन्होंने पैसे वापस कर दिए। शैलेष ने बताया कि गोताखोरों के पास बैंक खाता नहीं था जिसकी वजह से उन्होंने उनके खाते में पैसे ट्रांसफर करवाए। 

 

ये भी पढ़ेंः  '10 हजार दो'...पैसे न मिलने तक रुका रहा गोताखोर, इधर गंगा में बहे डिप्टी डायरेक्टर; अब तक सुराग नहीं
 

अपडेटेड 12:01 IST, September 2nd 2024

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