Published 18:15 IST, September 19th 2024
Bahraich Wolf Attack: नहीं थम रहा आदमखोर भेड़िए का हमला, 3 दिन बाद फिर दबोची बच्चे की गर्दन
जब भेड़िए ने बच्चे पर हमला किया तो बच्चे की मां ने बताया, 'मैंने देखा कि बच्चा जमीन पर गिरा हुआ था और भेड़िया उसकी गर्दन नोंचने की कोशिश कर रहा था।'
बहराइच में भेड़ियों का आतंक रुकने का नाम नही ले रहा है ताज़ा मामला हरदी थाना क्षेत्र के मंगलपुरवा पचदेवरी गांव का बताया जा रहा जहां स्कूल जा रहे 11 साल के छात्र पर भेड़िए ने हमला कर दिया जिसके बाद मची चीख पुकार सुन कर बच्चे के पिता जवाहर मिश्रा के साथ ग्रामीण लाठी डंडे ले कर दौड़े तभी भेड़िया बच्चे को छोड़ कर पास के खेतों में भाग गया। माता पिता के मुताबिक उनका 11 साल का बेटा सरल मिश्रा जो घर के सामने बने सरस्वती स्कूल में पढ़ने के लिए जा रहा था उस पर भेड़िए ने हमला कर के बुरी तरह घायल कर दिया।घायल छात्र को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना के चश्मदीद और पीड़ित बच्चे के पिता जवाहिर मिश्रा ने बताया कि जब उनका बेटा सरल मिश्रा स्कूल में पढ़ने गया तो रास्ते में खेतों में पहले से घात लगाकर बैठे भेड़िए ने बच्चे पर हमला बोल दिया था। भेड़िए ने बच्चे की गर्दन दबोचनी चाही और उसके गाल पर भी पंजे से हमला बोला। इस दौरान बच्चे ने जोर चिल्लाना शुरू कर दिया। शोर-शराबा सुनकर बच्चे के पिता जवाहिर मिश्रा लाठी लेकर घटना स्थल पर पहुंचे और उनके साथ ग्रामीण भी वहां पहुंचे लेकिन तब तक भेड़िए छलांग लगाकर मौके से गन्ने के खेतों में भाग गया था।
भेड़िए के हमले के बाद बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाया गया
जवाहिर मिश्रा ने आगे बताया कि हमले से डरा बच्चा वहीं पर लेट गया था हम उसे अपनी बाहों में उठाकर ले आए और गांव के प्रधान आल्हा को भी मौके पर बुलाया गया। इसके बाद हम अपने बच्चे के इलाज के लिए 108 नंबर पर फोन किया और बच्चे को एंबुलेंस से लेकर अस्पताल आए जहां बच्चे का इलाज चल रहा है। भेड़िए के हमले से उसकी गर्दन में चोट आई है और सूजन भी है। वहीं गाल पर 4-5 जगह भेड़िए के पंजे के हमले के निशान हैं। बच्चे की मां ने भी बच्चे पर हुए हमले की आंखों देखी बताई।
पीड़ित बच्चे ने बताई भेड़िए के हमले का दास्तां
वहीं भेड़िए के हमले के बाद अस्पताल में भर्ती किए गए पीड़ित सरल मिश्रा से जब पूछा गया कि उन पर किसने हमला किया तो पीड़ित ने बताया कि जब वो घर से स्कूल के लिए निकला था तो रास्ते में धान के खेतों में पहले से छिपकर बैठे भेड़िए ने उसके ऊपर अचानक से हमला बोल दिया था। पीड़ित ने बताया कि भेड़िए ने बड़ा सा मुंह खोलकर गुर्राते हुए उनकी गर्दन दबोचने की कोशिश की। इसके बाद वो जोर-जोर से चिल्लाने लगे और भेड़िया फिर से खेतों में भाग गया।
भेड़िया बच्चे को नोच रहा था और...
मंगलपुरवा पचदेवरी गांव में रहने वाले 11 वर्षीय सरल मिश्रा पर धान के खेतों में पहले से घात लगाकर बैठे आदमखोर भेड़िए ने अचानक से हमला बोल दिया। इस हमले के बाद बच्चा डर गया और जोर से शोर मचाया। शोर मचाने पर जब लोग घटना स्थल की ओर दौड़े तो मां ने देखा बच्चा जमीन पर गिरा हुआ था और भेड़िया उसे नोंचने की कोशिश कर रहा था। हालांकि शोर-शराबा सुनकर भेड़िया वहां से भाग गया। इस बीच जब पीड़ित बच्चे के मां-बाप से ये पूछा गया कि क्या वो सचमुच भेड़िया ही था सियार तो नहीं था। तो इस इस पर बच्चे के पिता ने बताया कि वो बखूबी पहचानते हैं कि ये भेड़िया था क्योंकि ये पहला मौका नहीं था जब उन्होंने इसे देखा हो इसके पहले भी कई बार वो इसे यहां देख चुके थे। इतना ही नहीं उन्होंने इसके पग चिन्हों को ग्राम प्रधान की मदद से वन विभाग वालों को भी भेजा था जहां उन लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि ये भेड़िए के पंजे के निशान ही हैं।
भेड़िए के हमले से 50 से भी ज्यादा लोग घायल
वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, 'ऑपरेशन भेड़िया' की शुरुआत पिछली 17 जुलाई को हुई थी और इसमें अब तक चिन्हित किए गए छह में से 5 भेड़िये पकड़े भी जा चुके हैं। मगर आखिरी भेड़िया पिछली 10 सितंबर को पकड़ा गया था। तबसे वन्य जीव के इंसानों पर हमले के कम से कम दो मामले सामने आ चुके हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि अब तक हिंसक जानवरों के हमलों में हुई कुल आठ मौतों में से कम से कम छह मृत्यु के लिए भेड़िये जिम्मेदार हैं। कम से कम 50 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें से लगभग 25 से 35 लोग भेड़ियों के हमलों में जख्मी हुए हैं।
Updated 18:15 IST, September 19th 2024