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Published 14:35 IST, September 30th 2024

Tirupati Laddu: 'आपको धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए, प्रेस में तुरंत...', SC ने लगाई फटकार

जस्टिस विश्वनाथन ने पूछा कि आप कह सकते हैं कि टेंडर गलत तरीके से आवंटित किए गए हैं, लेकिन ये कहना कि ये घी इस्तेमाल किया गया है, उसका सबूत कहां है?

Reported by: Digital Desk
तिरुपति लड्डू विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। | Image: ANI/PTI

अखिलेश राय

Tirupati Laddu Controversy: तिरुपति लड्डू विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है और कहा कि भगवान को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में ये भी कहा है कि प्रथम दृष्टया इस स्तर पर ऐसा कुछ भी नहीं है जो ये दर्शाता हो कि नमूने में इस्तेमाल किया गया घी लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया था। जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि इसमें पाम ऑयल भी हो सकता है। जस्टिस गवई ने कहा कि रिपोर्ट कहती है कि ये सोयाबीन भी हो सकता है, इसका मतलब ये नहीं है कि यह मछली का तेल था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं है। अगर आपने (राज्य सरकार) पहले ही जांच के आदेश दे दिए थे तो मीडिया में जाने की क्या जरूरत थी? रिपोर्ट जुलाई में आई, बयान सितंबर में आया। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस केवी विश्वनाथन ने राज्य सरकार के वकील से पूछा कि जब तक आप सुनिश्चित नहीं थे, तब तक आप इस बारे में जनता के सामने कैसे गए? जांच का उद्देश्य क्या था?

प्रेस में तुरंत जाने की क्या जरूरत थी- SC

राज्य सरकार की तरफ से वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि पिछले कुछ सालों में घी निजी विक्रेताओं से खरीदा जाने लगा है। गुणवत्ता को लेकर शिकायतें आईं, हमने टेंडर देने वाले को कारण बताओ नोटिस दिया। जस्टिस गवई ने पूछा कि क्या जो घी मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया, उसका इस्तेमाल प्रसाद के लिए किया गया था? लूथरा ने बताया कि हम जांच कर रहे हैं। इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि तो फिर प्रेस में तुरंत जाने की क्या जरूरत थी? आपको धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। जस्टिस विश्वनाथन ने पूछा कि इस बात का सबूत कहां है कि लड्डू बनाने में इसी घी का इस्तेमाल किया गया था?

जस्टिस विश्वनाथन ने सवाल किया कि कितने ठेकेदार सप्लाई कर रहे थे, क्या अप्रूव किए गए घी में मिलाए गए हैं? उन्होंने कहा कि कहीं भी ये स्पष्ट नहीं है कि इसे उपयोग किया गया था। ये परीक्षण किया गया है और रिपोर्ट सार्वजनिक डोमेन में है, लेकिन जांच अभी लंबित है। वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि एक बार जब ये पाया जाता है कि प्रोडक्ट उचित नहीं है, तो दूसरा परीक्षण भी किया जाता है। उसके बाद प्रयोगशाला में परीक्षण किया जाता है। वकील सिदार्थ लूथरा ने कहा कि 6 जुलाई को नई सप्लाई आई। इसे लैब में भेजा गया। हमें लैब रिपोर्ट मिली। ये घी इस्तेमाल नहीं हुए थे।

घी इस्तेमाल किया गया, सबूत कहां है- SC

जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि एक बार जब आप सप्लाई को मंजूरी दे देते हैं और घी लाया जाता है। सब एक में मिल जाता है तो आप ये कैसे पहचानते हैं कि कौन सा ठेकेदार ने सप्लाई किया है? लूथरा ने बताया कि लोगों ने शिकायत की कि लड्डू का स्वाद ठीक नहीं था। जस्टिस गवई ने कहा कि आपके अनुसार जिस लड्डू का स्वाद अलग था, क्या उसे एनडीडीबी को ये पता लगाने के लिए भेजा गया था कि उसमें कोई दूषित पदार्थ तो नहीं है? जस्टिस विश्वनाथन ने पूछा कि आप कह सकते हैं कि टेंडर गलत तरीके से आवंटित किए गए हैं, लेकिन ये कहना कि ये घी इस्तेमाल किया गया है, उसका सबूत कहां है? जस्टिस गवई ने कहा कि इस मिलावटी घी का उपयोग किस सामग्री में प्रसाद के लिए किया गया था? उन्होंने कहा कि पब्लिक के सामने बयान देने से पहले ये जानना अधिक उचित होता कि क्या मिलावट थी या नहीं।

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Updated 14:35 IST, September 30th 2024

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