Published 09:12 IST, December 15th 2024
UP: संभल में 1978 के बाद खुला मंदिर, 46 साल बाद हुई सुबह की पहली आरती...उमड़ी लोगों की भीड़
Sambhal News: संभल में मिले एक पुराने मंदिर में 46 साल के बाद सुबह की पहली आरती हुई है। संभल में शनिवार को प्रशासन ने एक पुराना मंदिर खोजा।
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Sambhal Mandir: संभल में मिले एक पुराने मंदिर में 46 साल के बाद सुबह की पहली आरती हुई है। संभल में शनिवार को प्रशासन ने एक पुराना मंदिर खोजा। कथित तौर पर अवैध अतिक्रमण करके मंदिर को छिपाने की कोशिश हो रही थी। यहां तक कि मंदिर के कुएं तक पर कब्जा हो चुका था। प्रशासन की टीम इलाके में बिजली चोरी पकड़ने गई थी और इसी दौरान मंदिर मिला। फिलहाल मंदिर अपने पुराने स्वरूप में दिखाई देने लगा है और यहां पूजा पाठ शुरू कर दिया गया है।
संभल के पुराने मंदिर में सुबह की आरती की तस्वीरें सामने आईं। मंदिर में साक्षात शिवलिंग बना हुआ था और एक पुरानी हनुमान की मूर्ति है। स्थानीय लोगों ने मंदिर की साफ सफाई के बाद यहां पूजा पाठ शुरू किया है। सुबह की आरती में तमाम लोग मौजूद दिखे।
संभल में कैसे मिला भगवान शिव का मंदिर?
संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया बताते हैं कि जब हम इलाके में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे थे, तो हमें एक मंदिर मिला, जिस पर अतिक्रमण किया गया था। जिलाधिकारी के मुताबिक, प्राचीन भगवान शिव मंदिर के पास एक कुआं भी मिला। जिला प्रशासन ने साइट से रैंप और मलबा हटाने के बाद कुएं के निशान खोजे। प्राचीन कुएं पर एक रैंप बनाया गया था और रैंप हटाने के बाद ही कुआं मिला, जिसे शनिवार को फिर से खोला गया।
1978 से बंद पड़ा था संभल का मस्जिद
संभल में मिला ये मंदिर 1978 से बंद पड़ा था। नगर हिंदू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी ने दावा किया कि मंदिर 1978 के बाद फिर से खोला गया है। उन्होंने कहा कि मंदिर इसलिए बंद किया गया क्योंकि कोई पुजारी वहां रहने को तैयार नहीं था। रस्तोगी बताते हैं, 'हम खग्गू सराय इलाके में रहते थे। हमारे पास पास में ही एक घर है (खग्गू सराय इलाके में) 1978 के बाद हमने घर बेच दिया और जगह खाली कर दी। ये भगवान शिव का मंदिर है। हमने ये इलाका छोड़ दिया और हम इस मंदिर की देखभाल नहीं कर पाए। इस जगह पर कोई पुजारी नहीं रहता था। 15-20 परिवार इस इलाके को छोड़ गए। हमने मंदिर को बंद कर दिया था, क्योंकि पुजारी यहां नहीं रह सकते थे। पुजारी ने यहां रहने की हिम्मत नहीं की। मंदिर 1978 से बंद था और आज इसे खोल दिया गया है।'
Updated 10:22 IST, December 15th 2024