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पब्लिश्ड 14:42 IST, January 7th 2025

Tibet: 6.8 तीव्रता के भूकंप से 95 लोगों की मौत, नेपाल में भी महसूस हुए झटके

तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक के निकट मंगलवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें कम से कम 95 लोगों की मौत हो गई और 130 अन्य घायल हो गए।

Tibet: 6.8 तीव्रता के भूकंप से 95 लोगों की मौत, नेपाल में भी महसूस हुए झटके | Image: X/@imd_patna

तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक के निकट मंगलवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें कम से कम 95 लोगों की मौत हो गई और 130 अन्य घायल हो गए। पड़ोसी देश नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसके कारण इमारतें हिलने लगीं और लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आए।

क्षेत्रीय आपदा राहत मुख्यालय के अनुसार…

क्षेत्रीय आपदा राहत मुख्यालय के अनुसार, मंगलवार को सुबह नौ बजकर पांच मिनट (चीन के समयानुसार) पर तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शिगाजे शहर की डिंगरी काउंटी में भूकंप के झटके महसूस किए गए। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने भूकंप की तीव्रता 7.1 बताई है।

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार, भूकंप के कारण मंगलवार को अपराह्न तीन बजे तक (स्थानीय समयानुसार) 95 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 130 अन्य घायल हुए हैं। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य चलाने के लिए हर संभव प्रयास करने के आदेश दिए।

शी ने घायलों के उपचार के लिए हरसंभव प्रयास करने का आदेश दिया तथा द्वितीयक आपदाओं (भूकंप के बाद संभावित आपदाओं) को रोकने, प्रभावित निवासियों के समुचित पुनर्वास तथा इसके बाद के कार्यों को प्रभावी ढंग से करने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया।

भूकंप के बाद, चीन भूकंप प्रशासन ने स्तर-दो की आपात सेवा प्रतिक्रिया शुरू की तथा आपदा राहत प्रयासों में सहायता के लिए एक कार्य दल को घटनास्थल पर भेजा। केंद्रीय प्राधिकारियों ने भूकंप प्रभावित क्षेत्र में करीब 22,000 आपदा राहत सामग्री भेजी है, जिनमें तंबू, कोट, रजाई और फोल्डिंग बिस्तर के साथ-साथ ऊंचाई वाले और ठंडे क्षेत्रों के लिए विशेष राहत सामग्री भी शामिल है।

घटनास्थल पर 1,500 से अधिक स्थानीय अग्निशमन कर्मियों और बचावकर्मियों को भी भेजा गया है। शिगाजे को शिगास्ते के नाम से भी जाना जाता है जो भारत की सीमा के करीब है। शिगात्से को तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। यह पंचेन लामा की पारंपरिक सीट है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के एक प्रमुख व्यक्ति हैं। तिब्बत में पंचेन लामा, आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के बाद दूसरे नंबर की हैसियत रखते हैं।

भूकंप का केंद्र डिंगरी काउंटी के त्सोगो कस्बे में स्थित था, जहां 20 किलोमीटर की परिधि में लगभग 6,900 लोगों की आबादी रहती है। इस क्षेत्र में 27 गांव हैं।

आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि डिंगरी काउंटी की आबादी 61,000 से अधिक है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने चीन के भूकंप नेटवर्क केंद्र के हवाले से खबर दी कि भूकंप का केंद्र उत्तर-पूर्व नेपाल के खुम्बू हिमालय पर्वतमाला में लोबुत्से के 90 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में है। भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया।

अपने संदेश में शी ने कहा कि भूकंप की निगरानी और आपदा पूर्व चेतावनी को मजबूत करना, आपातकालीन बचाव आपूर्ति की तुरंत व्यवस्था करना, क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत में तेजी लाना, यह सुनिश्चित करना कि निवासियों की बुनियादी जरूरतें पूरी हों और सभी के लिए ठंड से सुरक्षा एवं ठंड से बचाव के उपाय (अलाव, हीटर आदि) आवश्यक हैं।

चीन तिब्बत को शिजांग कहता है, जो हिमालय क्षेत्र का हिस्सा है। तिब्बती पठार को शक्तिशाली भूकंप संभावित क्षेत्र माना जाता है, क्योंकि यह उस स्थान पर स्थित है जहां टेक्टोनिक यूरेशियन और भारतीय प्लेटें मिलती हैं और अक्सर अत्यधिक बल के साथ टकराती हैं। नेपाल में 2015 में आए 8.1 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में शिगास्ते को भी काफी नुकसान पहुंचा था। 2015 में नेपाल और हिमालय क्षेत्र में आए 8.1 तीव्रता के भीषण भूकंप में शिगास्ते क्षेत्र में 18 लोग मारे गए थे और 55 घायल हुए थे।

इस बीच, नेपाल में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का असर काभ्रेपलान्चोक, सिंधुपालचोक, धाडिंग और सोलुखुंबु जिलों में भी महसूस किया गया।

काठमांडू में भूकंप से घबराए लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आए। लोगों ने कुछ समय तक सड़कों के किनारे लगे पेड़ों और बिजली के तारों को हिलते हुए देखा। नेपाल पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि भूकंप के कारण अब तक उन्हें किसी बड़े नुकसान या मानवीय क्षति के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।

शंखुवासभा जिला प्रशासनिक कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि भूकंप के कारण जिले के किमाथांका ग्रामीण नगर पालिका में पत्थर से बनी दो मंजिला इमारत क्षतिग्रस्त हो गई। नेपाल पुलिस के प्रवक्ता बिश्व अधिकारी ने बताया कि भूकंप का केंद्र तिब्बत में होने के कारण उत्तरी नेपाल में रहने वाले लोगों ने अधिक तीव्र झटके महसूस किए।

अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (यूएसजीएस) की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह सात बजे के आसपास एक घंटे के भीतर कम से कम छह बार चार से पांच तीव्रता वाले भूकंप के झटके दर्ज किए गए। भूकंप इतना शक्तिशाली था कि नेपाल के लोग घबरा गए। इसने 2015 में आए भीषण भूकंप की दुखद याद ताजा कर दी, जिसमें 9,000 लोग मारे गए थे।

ये भी पढ़ें - HMPV वायरस कैसे फैलता है?

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

अपडेटेड 14:42 IST, January 7th 2025

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