Published 12:53 IST, December 20th 2024
EXCLUSIVE/ 'अंकल को कविता सुनाओ, ट्विंकल-ट्विंकल सुनकर थक गया फिर...', सुरेंद्र शर्मा ने बताया क्यों की शादी
रिपब्लिक भारत संगम के मंच पर हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा ने अपनी शादी को लेकर जवाब दिया है। सुरेंद्र शर्मा की बातों को सुनने के बाद कार्यक्रम में जमकर ठहाके लगे।
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Hasya kavi Surender Sharma: अपने चुटीले अंदाज के लिए मशहूर हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा ने रिपब्लिक भारत संगम में समां बांध दिया। संगम में सुरेंद्र शर्मा ने लोगों को जमकर हंसाया। कवि सुरेंद्र शर्मा की कविताएं खासकर पत्नियों पर आधारित रही हैं और उन्होंने सुर्खियां भी खूब बंटोरी हैं। इसी बीच रिपब्लिक भारत संगम के मंच पर सुरेंद्र शर्मा ने अपनी शादी को लेकर भी जवाब दिया है। सुरेंद्र शर्मा की बातों को सुनने के बाद कार्यक्रम में जमकर ठहाके लगे।
मजाकिया अंदाज में बात करते हुए सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि मैं जिस भी दोस्त के घर जाता था, उनके सब के ब्याह हो चुके थे। वो अपने बच्चे को बुलाते थे और एक ही बात कहते थे कि अंकल को कविता सुनाओ। वही एक कविता 'ट्विंकल-ट्विंकल लिटिल स्टार' सुनने को मिलती थी। जब 100 जगह मैंने ये कविता सुन ली और ब्याह कर लिया। फिर मैंने अपने सारे दोस्तों को बुलाया, जिन्होंने मुझको कविता सुनवाई थी। फिर मैंने अपनी तरफ से कविता सुनवाई और बदला निकाला।
पत्नी के पसंद की दाल क्यों खाते हैं?
आप अपनी पत्नी के पसंद की दाल खाते हैं? इस सवाल पर अपने ही अंदाज में जवाब देते हुए सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि पत्नी से बदले लेने के कई तरीके होते हैं। मेरी पत्नी को अरहर की दाल पसंद है। मैं उसका विरोध तो कर नहीं सकता हूं, लेकिन उसकी दाल का विरोध कर लेता हूं। इसी दौरान अपनी शादी को लेकर सुरेंद्र शर्मा ने जवाब दिया और कहा कि मैंने शादी बच्चों की वजह से की है। इस दौरान उन्होंने पूरे माहौल को खुशनुमा बना दिया।
वेद मंत्रों के साथ 'संगम' का आगाज
रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क से मुख्यालय में वेद मंत्रों के साथ हुआ साहित्य, सुर और शक्ति के संगम का आगाज हुआ। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन चीफ अर्नब गोस्वामी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दीप प्रज्वलित कर 'संगम' का आगाज किया। 'संगम' में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत के साहित्य की चर्चा वैदिक काल से प्रारंभ होती है। भारत को जानने के लिए दुनिया से जो लोग यहां आए तब भारत की सभ्यता, संस्कृति और उत्कर्ष से जलन रखने वाले लोग आक्रांता के रूप में भारत में आए। इतिहास में भारत की संस्कृति को मिटाने की कोशिश की गई।
Updated 12:57 IST, December 20th 2024