पब्लिश्ड 19:06 IST, December 17th 2024
संविधान को स्वार्थ के लिए तोड़ा गया, जनता ने तानाशाहों के गुमान को तोड़ा- राज्यसभा में बोले अमित शाह
संविधान पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारे संविधान के कारण हमारा देश इतना कितना आगे बढ़ पाया है।
- भारत
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Amit Shah in Rajya Sabha: संविधान पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारे संविधान के कारण हमारा देश इतना कितना आगे बढ़ पाया है। हमारे संविधान की मूल भावनाओं के कारण ही 75 साल में लोकतंत्र के मूल पाताल तक गहरे गए हैं इसका भी एहसास होता है। जब संविधान की भावनाओं को दरकिनार कर कर कोई अपने लिए संविधान को तोड़ मरोड़ कर आगे चलने का प्रयास करता है तो जनता ने तानाशाहों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।
अमित शाह ने कहा कि सभी दृष्टि से देखें तो संविधान की दोनों सदन में जो चर्चा हुई है, वह चर्चा एक प्रकार से हमारे युवा पीढ़ी के लिए आने वाले दिनों में यह दोनों महान सदन में बैठकर देश का भविष्य का निर्णय करने वालों के लिए बहुत मदद रहेगी ऐसा मेरा मानना है। देश की जनता के लिए भी करने में बहुत मदद करेगी कि किस पार्टी ने क्या किया। 75 साल की मीमांसा होगी, इसमें स्पष्ट हो जाएगा किस पार्टी ने जब-जब जनता ने शासन जिस पार्टी के हाथ में दिया उसने संविधान का सम्मान किया है या नहीं।
अंबेडकर जी को सबको पढ़ना चाहिए- अमित शाह
गृहमंत्री शाह ने कहा कि 75 साल हो गए संविधान को किस प्रकार से हमारे राजनीतिक दलों ने और हमारी पॉलिटिकल पार्टियों के साथ-साथ हमारी सरकार उन्हें भी किसी प्रकार से आगे बढ़े इसकी भी चर्चा जरूर होनी चाहिए। मैं मानता हूं कि चर्चा समय उचित होगी हमारे संविधान के हमारे संविधान की रचना के बाद डॉक्टर अंबेडकर ने बहुत सोच समझकर एक वाक्य किया था मैं अंबेडकर जी के वाक्य को सदन के सामने प्रस्तुत करना चाहता हूं कि कोई संविधान कितना भी अच्छा हो वह बुरा बन सकता है अगर जिन लोग पर उसको चलाने की जिम्मेदारी है, वह अच्छे ना हो इस तरह से कोई भी संविधान कितना भी बुरा हो, वह अच्छा साबित हो सकता है अगर उसे चलाने वालों की भूमिका सकारात्मक और अच्छी हो ।
संविधान को कभी भी अपरिवर्तनशील नहीं माना गया- अमित शाह
यह दोनों घटनाएं के 75 साल के कालखंड के अंदर अच्छी और मैं तथ्यों के आधार पर सदन के सामने और सदन के माध्यम से देश की जनता के सामने भी रखना चाहता हूं। हमारे संविधान में हमारे संविधान को कभी भी अपरिवर्तनशील नहीं माना गया समय के साथ-साथ देश भी बदलना चाहिए समय के साथ-साथ कानून भी बदलने चाहिए।
अपडेटेड 19:25 IST, December 17th 2024