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पब्लिश्ड 10:56 IST, January 4th 2025

BPSC Exam Row:'आधे से ज्यादा सीटों पर भ्रष्टाचार, DSP पद का रेट 1.5 करोड़ फिर भी...', PK ने सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल

प्रशांत किशोर ने परीक्षाओं में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार के टीका-टिप्पणी नहीं करने पर सवाल उठाए। साथ ही दावा किया कि डीएसपी का पद डेढ़ करोड़ में बेचा जा रहा है।

Reported by: Priyanka Yadav
Nitish Kumar Prashant Kishor | Image: PTI

Prashant Kishore on BPSC Exam Row: बिहार लोक सेवा आयोग की एक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर ने सूबे की सरकार पर प्रहार किया। उन्होंने पेपर लीक और परीक्षाओं में भ्रष्टाचार को लेकर नीतीश सरकार के टीका-टिप्पणी नहीं करने पर सवाल उठाए। साथ ही उन्होंने दावा किया कि डीएसपी का पद डेढ़ करोड़ रुपये में बेचा जा रहा है। 

गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे अनशन पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर कहते हैं कि सरकार को परीक्षा से, छात्रों की समस्या से या अनशन से कोई लेना देना ही नहीं है। उन्होंने दावा किया कि आधे से ज्यादा सीटों पर भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं, जो बिक गई हैं।

नौकरी देने के बदले लिए जा रहे डेढ़ करोड़- PK

प्रशांत किशोर कहते हैं, 'परीक्षा 15 हजार बच्चों की है जो बच्चे आंदोलित हैं वे साढ़े 3 लाख से ज्यादा हैं... लोग जानते और समझते हैं कि आधे से ज्यादा सीटों पर भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं। सीटें बिक गई हैं। जिसने पढ़ाई की है उसे सीट नहीं मिलेगी... हर जिले और गांव-गांव में खबर फैली है कि एक-एक नौकरी के 30 लाख से डेढ़ करोड़ तक लिए जा रहे हैं… डीएसपी का पद डेढ़ करोड़ रुपये में बेचा जा रहा है। सरकार को इस पर बोलना चाहिए...।'

'कुर्सी पर बैठकर अहंकार, जब जनता…'

पीके ने आगे सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, 'जो सत्ता में बैठा है उसका अपना और जनता का अपना तरीका है। लोकतंत्र है और जनता मालिक है। जो कुर्सी पर बैठता है वह अपना अहंकार दिखा सकता है, जनता पर लाठी चलवा सकता है। हालांकि पुलिस की लाठी का चोट कुछ दिन रहेगा, लेकिन जब जनता वोट की चोट देती है उसका दर्द पांच साल तक रहता है।'

'नीतीश कुमार को सिर्फ सत्ता में रहने की चिंता'

इससे पहले पीके कह चुके हैं कि जब तक सरकार छात्रों की मांग पर विचार नहीं करती तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। बीते दिन प्रशांत ने कहा था, 'हम अपना काम कर रहे हैं सरकार को अपना काम करने दीजिए। अनशन जारी रहेगा। मेरे पास कोई उठाने नहीं आया है जब उठाने आएगा तो देखा जाएगा... मैं पिछले ढाई साल से बिहार में काम कर रहा हूं, अगर मैं राजनीति नहीं करूंगा तो क्या करूंगा? अगर आप किसी को पीटते हैं और मैं उनके समर्थन में यहां बैठा हूं - और फिर आप इसे राजनीति कहते हैं, तो मैं राजनीति कर रहा हूं। नीतीश कुमार काम नहीं करना चाहते हैं, वे केवल सत्ता में रहना चाहते हैं और यही कारण है कि उन्होंने कोविड के समय में बिहार के लोगों की मदद नहीं की। उन्हें बाकी चीजों की चिंता नहीं है, बल्कि उन्हें केवल सत्ता में रहने की चिंता है।'

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि बीपीएससी द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित एक संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए सैकड़ों अभ्यर्थियों ने पटना के बापू परीक्षा केंद्र में संचालित परीक्षा का बहिष्कार किया था। इस पर आयोग ने 10,000 से ज्यादा उम्मीदवारों के लिए फिर से परीक्षा कराने का आदेश दिया था, जिन्हें चार जनवरी को शहर के विभिन्न केंद्रों पर नए सिरे से आयोजित की जाने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए कहा गया।

हालांकि, आयोग का यह भी मानना ​​है कि बिहार के बचे 911 केंद्रों पर परीक्षा ठीक से आयोजित की गई थी और इस परीक्षा में शामिल पांच लाख से ज्यादा उम्मीदवारों की तरफ से कोई शिकायत नहीं की गई थी, पर उम्मीदवारों के एक वर्ग ने समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए सभी केंद्रों के लिए फिर से परीक्षा का आदेश दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया।

प्रदर्शनकारियों ने यह भी दावा किया कि उन्होंने अधिकारियों को सबूत मुहैया कराए हैं कि कदाचार व्यापक रुप से हुआ था और यह केवल बापू परीक्षा केंद्र तक सीमित नहीं था। हालांकि बीपीएससी ने उनके इस दावे को खारिज कर दिया।

यह भी पढ़ें: 'जब इरादे नेक, तो नतीजे भी संतोषजनक...', ग्रामीण भारत महोत्सव कार्यक्रम में बोले PM मोदी


 

 

 

 

अपडेटेड 12:57 IST, January 4th 2025

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