Published 22:49 IST, October 10th 2024
BJP नेता ने वाल्मीकि निगम घोटाले की जांच कर रही SIT पर ही सवाल उठाए
कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि एसटी विकास निगम में ‘घोटाले’ की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित SIT के आरोपपत्र में पूर्व मंत्री बी नागेंद्र का नाम नहीं होने पर BJP ने उठाए सवाल।
कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि एसटी विकास निगम में ‘घोटाले’ की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के आरोपपत्र में पूर्व मंत्री बी नागेंद्र का नाम नहीं होने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सी.टी रवि ने बृहस्पतिवार को एसआईटी के कामकाज की ही जांच कराने की मांग की।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को एक विशेष अदालत के समक्ष अभियोजन शिकायत या आरोपपत्र दायर किया है जिसमें दावा किया कि कांग्रेस विधायक बी नागेंद्र ने वाल्मीकि निगम से जुड़े करोड़ों रुपये के कथित घोटाले की असली साजिश रची थी और नागेंद्र ने कथित तौर पर 24 अन्य लोगों की मदद से इस घोटाले को अंजाम दिया।
पूर्व मंत्री रवि ने संवाददाताओं से कहा कि एसआईटी ने अपने आरोपपत्र में नागेंद्र का नाम तक नहीं लिया है। घोटाला सामने आने के बाद नागेंद्र ने इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ईडी ने घोटाले पर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट के अनुसार, गबन किए गए 89 करोड़ रुपये में से 42 करोड़ रुपये कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री बी नागेंद्र के करीबी सहयोगियों के पास गए हैं।’’
रवि ने दावा किया कि एसआईटी ने कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दल का भी नाम नहीं लिया है, जो महर्षि वाल्मीकि एसटी विकास निगम के अध्यक्ष हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रवर्तन निदेशालय की जांच पर गौर करें तो हमें एसआईटी पर संदेह होता है। एसआईटी की भी जांच होनी चाहिए। सच सामने आना चाहिए कि एसआईटी का गठन घोटाले को छिपाने के लिए किया गया था या उजागर करने के लिए। एसआईटी के खिलाफ जांच होनी चाहिए।’’
हालांकि, रवि ने यह नहीं बताया कि एसआईटी के कामकाज की जांच किस एजेंसी को करनी चाहिए।
Updated 22:49 IST, October 10th 2024