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Published 17:06 IST, November 30th 2024

'खराब हो रहा माहौल...', संभल मस्जिद से मथुरा विवाद तक सभी मामलों पर लगे रोक, SC में याचिका

याचिका में अजमेर दरगाह, भोजशाला, संभल मस्जिद, मथुरा और ज्ञानवापी समेत देशभर में दाखिल दावों के मुकदमे की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई।

Reported by: Ruchi Mehra
Petition in Supreme Court | Image: Shutterstock

Petition in Supreme Court: देशभर में मंदिर-मस्जिद को लेकर हो रहे विवादों पर रोक लगाने की मांग उठी है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दाखिल हुई, जिसमें कहा गया है कि ऐसे मामलों से देश का माहौल खराब हो रहा है।

पहले संभल में शाही जामा मस्जिद-हरिहर मंदिर और उसके बाद अब अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा इन दिनों काफी तूल पकड़ रहा है। संभल का मामला तो पहले ही सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका

इस बीच सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई। याचिका में अजमेर शरीफ दरगाह, भोजशाला, संभल जामा मस्जिद, मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-मस्जिद और ज्ञानवापी समेत देशभर में दाखिल दावों के मुकदमे की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई।

केंद्र और राज्य सरकारों को बनाया पक्षकार

याचिका में कहा गया कि देशभर में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 19 दिसंबर, 2023 के आदेश के बाद से धार्मिक स्थलों के चरित्र की हकीकत का पता लगाने को लेकर विभिन्न सिविल कोर्ट में दाखिल मामलों से माहौल खराब हो रहा है। इसके मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट इन मामलों में हस्तक्षेप करें और इन पर रोक लगाएं। याचिका में केंद्र ‌सरकार के साथ UP-MP समेत पांच राज्यों को पक्षकार बनाया गया है। साथ ही याचिका की जल्द सुनवाई की भी मांग की गई।

संभल मस्जिद और अजमेर दरगाह विवाद

गौरतलब है कि ज्ञानवापी और मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-मस्जिद विवाद पहले से ही कोर्ट में चल रहे हैं। इस बीच इन दिनों संभल मस्जिद से लेकर अजमेर दरगाह पर दावों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। निचली अदालत के आदेश के बाद संभल की शाही जामा मस्जिद का तो 2 बार (19 नवंबर और 24 नवंबर) को सर्वे भी हुआ। वहीं, 24 नवंबर को सर्वे के दौरान संभल में हिंसा भी भड़क गई थीं।

हालांकि संभल विवाद में 29 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश देते हुए निचली अदालत की सुनवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि 8 जनवरी से पहले इस मामले में निचली अदालत कोई करवाई न करें। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को आदेश दिया कि जब तक संभल मस्जिद की शाही ईदगाह कमेटी हाईकोर्ट नहीं जाती, तब तक मामले को आगे न बढ़ाया जाए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर हाईकोर्ट जबतक कोई आदेश नहीं देता तबतक निचली अदालत की सुनवाई पर रोक रहेगी।

इसके अलावा राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह की जगह हिंदू मंदिर होने का दावा करते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। हिंदू पक्ष दावा कर रहा है कि 800 साल पहले जो सबूत थे वो दरगाह में आज भी मौजूद हैं। कोर्ट ने सारी बातें सुनने के बाद याचिका स्वीकार की है। सुनवाई 20 दिसंबर को होगी। 

यह भी पढ़ें: पुराना कुआं, रेलिंग, हौज... संभल जामा मस्जिद में क्या-क्या हुआ अवैध निर्माण; ASI रिपोर्ट में खुलासा
 

Updated 17:06 IST, November 30th 2024

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