Published 10:27 IST, August 28th 2024
भाजपा के 12 घंटे के बंद के कारण पश्चिम बंगाल में जनजीवन प्रभावित
पश्चिम बंगाल में राज्य सचिवालय तक मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा बुलाए 12 घंटे के बंद के कारण बुधवार को कई हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हुआ।
पश्चिम बंगाल में राज्य सचिवालय तक मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा बुलाए 12 घंटे के बंद के कारण बुधवार को कई हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हुआ। राजधानी कोलकाता में सड़कों पर चहल-पहल कम है। सड़कों पर बहुत कम बस, ऑटो रिक्शा और टैक्सी नजर आ रही हैं। निजी वाहनों की संख्या भी कम है। हालांकि, बाजार और दुकानें पहले की तरह खुली हैं।
स्कूल और कॉलेज खुले हैं लेकिन ज्यादातर निजी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति बेहद कम है क्योंकि उन्हें घर से काम करने को कहा गया है। भवानीपुर में भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल ने लोगों से अपने वाहन लेकर घरों से बाहर न निकलने का हाथ जोड़कर अनुरोध किया है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंद के समर्थन में उत्तर 24 परगना के बनगांव स्टेशन, दक्षिण 24 परगना के गोचरण स्टेशन और मुर्शिदाबाद स्टेशन पर प्रदर्शन किया। उत्तर 24 परगना के बैरकपुर स्टेशन पर उस समय तनाव व्याप्त हो गया, जब भाजपा समर्थक और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने हुगली स्टेशन पर एक लोकल ट्रेन को रोक दिया। पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़क पर धरना दिया जिससे यातायात बाधित हो गया। मालदा में एक सड़क अवरुद्ध करने को लेकर तृणमूल तथा भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गयी। पुलिस ने कार्रवाई कर भीड़ को तितर-बितर किया।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने बांकुड़ा शहर के बस अड्डे पर भी प्रदर्शन किया। अलीपुरद्वार में एक मुख्य सड़क को अवरुद्ध करने की कोशिश के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हो गयी। भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘दफा एक दाबी एक, मुख्यमंत्री पदत्याग’ (एक ही मांग, मुख्यमंत्री इस्तीफा दें) जैसे नारे लगाए।
भाजपा ने मंगलवार को ‘नबान्न अभियान’ में भाग लेने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में ‘बंगाल बंद’ का आह्वान किया है जो सुबह छह बजे शुरू हो गया। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक चिकित्सक के दुष्कर्म और हत्या को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर राज्य सचिवालय (नबान्न) तक मार्च निकाला गया था। यह मार्च एक नवगठित छात्र समूह ‘छात्र समाज’ ने आयोजित किया था।
Updated 10:27 IST, August 28th 2024