Published 14:24 IST, December 29th 2024
सिर्फ बिजली उत्पादन के लिए नहीं बाढ़ के खतरे को भी कम करने वाली है सियांग परियोजना: अरुणाचल CM
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि ‘सियांग अपर बहुउद्देशीय परियोजना’ (एसयूएमपी) न केवल बिजली उत्पादन के लिए बल्कि पूरे वर्ष नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखने और चीन द्वारा अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की स्थिति में बाढ़ के जोखिम को कम करने के लिए बनाई जा रही है।
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अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि ‘सियांग अपर बहुउद्देशीय परियोजना’ (एसयूएमपी) न केवल बिजली उत्पादन के लिए बल्कि पूरे वर्ष नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखने और चीन द्वारा अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की स्थिति में बाढ़ के जोखिम को कम करने के लिए बनाई जा रही है।
केंद्र सरकार की इस परियोजना की अनुमानित लागत 1.13 लाख करोड़ रुपये है।
खांडू की यह टिप्पणी चीन द्वारा भारतीय सीमा के करीब तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर 137 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत से दुनिया के सबसे बड़े बांध के निर्माण को मंजूरी दिए जाने के बाद आई है।
यह बांध हिमालय की एक विशाल घाटी में बनाया जाना है, जहां ब्रह्मपुत्र नदी अरुणाचल प्रदेश और फिर बांग्लादेश में बहने के लिए एक बड़ा मोड़ लेती है।
खांडू ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, “11,000 मेगावाट की अनुमानित क्षमता वाली यह परियोजना न केवल बिजली उत्पादन करेगी बल्कि सियांग नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखने और चीन द्वारा छोड़े गए पानी से संभावित बाढ़ के जोखिम को कम करने में भी मदद करेगी। ”
उन्होंने इसे राष्ट्रीय महत्व की परियोजना करार देते हुए कहा कि जलविद्युत उत्पादन इसका दूसरा लक्ष्य है।
खांडू ने कहा, “परियोजना का वास्तविक उद्देश्य सियांग नदी और उन समुदायों को बचाना है जो पीढ़ियों से इस पर निर्भर हैं।”
स्थानीय लोगों के कड़े विरोध के बीच परियोजनाओं की पूर्व-व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने के लिए सर्वेक्षण अभी तक नहीं किया गया है।
स्थानीय लोग विस्थापन, आजीविका और विशाल बांध बनने से पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर चिंतित हैं।
खांडू ने चीन की परियोजना के ‘बिना सुरक्षा उपायों के’ आगे बढ़ने पर गंभीर परिणामों की चेतावनी देते हुए कहा कि पड़ोसी देश की ब्रह्मपुत्र से पानी को अपने शुष्क क्षेत्रों में मोड़ने की योजना सर्दियों के दौरान सियांग नदी के प्रवाह को काफी कम कर सकती है।
उन्होंने दावा किया, “ऐसी स्थिति में, पानी की मात्रा इतनी कम हो सकती है कि कोई व्यक्ति पैदल ही विशाल नदी को पार कर सकता है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रस्तावित सियांग परियोजना से नौ अरब घन मीटर पानी का भंडारण करने में सक्षम जलाशय का निर्माण होगा। इससे नदी में सूखे मौसम में भी निरंतर प्रवाह बना रहेगा। इसके अतिरिक्त, यह जलाशय चीन के बांधों से अचानक पानी छोड़े जाने की स्थिति में बफर के रूप में कार्य करेगा, जिससे अरुणाचल प्रदेश, असम और बांग्लादेश में संभावित रूप से विनाशकारी बाढ़ को रोका जा सकेगा।”
मुख्यमंत्री ने भारत और चीन के बीच जारी द्विपक्षीय चर्चाओं को स्वीकार करते हुए ‘आत्मसंतुष्टि’ रहने को लेकर चेतावनी दी।
खांडू ने कहा, “चीन अप्रत्याशित है और कुछ भी कर सकता है।”
उन्होंने भारत के सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “जब राष्ट्रीय सुरक्षा और हमारे लोगों के कल्याण की बात आती है तो हम कोई जोखिम नहीं उठा सकते।”
Updated 14:24 IST, December 29th 2024