Search icon
Download the all-new Republic app:

Published 13:44 IST, October 14th 2024

न्यायालय ने दूरदर्शन पर 24 घंटे सिंधी भाषा का चैनल शुरू करने संबंधी याचिका खारिज की

उच्चतम न्यायालय ने दूरदर्शन पर 24 घंटे सिंधी भाषा का चैनल शुरू करने का केंद्र को निर्देश देने संबंधी एक याचिका सोमवार को खारिज कर दी।

Supreme Court | Image: PTI

उच्चतम न्यायालय ने दूरदर्शन पर 24 घंटे सिंधी भाषा का चैनल शुरू करने का केंद्र को निर्देश देने संबंधी एक याचिका सोमवार को खारिज कर दी।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) सिंधी संगत की याचिका खारिज कर दी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि भाषा को संरक्षित करने के अन्य तरीके भी हो सकते हैं।

एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि भाषा को संरक्षित करने का एक तरीका सार्वजनिक प्रसारण है।

उच्च न्यायालय ने 27 मई को एनजीओ की याचिका खारिज कर दी थी, जिसे उसने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। गैर-सरकारी संगठन ने अपनी याचिका में कहा था कि प्रसार भारती का 24 घंटे सिंधी भाषा का चैनल शुरू न करने का निर्णय स्पष्टतया भेदभाव पर आधारित है।

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि याचिकाकर्ता एनजीओ दूरदर्शन पर 24 घंटे का सिंधी चैनल शुरू करने के केंद्र को निर्देश को लेकर अपने कानूनी या संवैधानिक अधिकार के बारे में उसे समझाने में असमर्थ रहा है और उसकी याचिका ‘अनुचित’ थी।

याचिकाकर्ता ने कहा था कि प्रसार भारती (भारतीय प्रसारण निगम) अधिनियम, 1990 की धारा 12(2)(डी) प्रसार भारती पर विभिन्न क्षेत्रों की विविध संस्कृतियों और भाषाओं को ‘पर्याप्त कवरेज’ प्रदान करने का दायित्व देती है।

प्रसार भारती ने अपने जवाब में कहा कि तत्कालीन जनगणना के अनुसार देश में सिंधी भाषी लोगों की आबादी लगभग 26 लाख थी और एक पूर्णकालिक चैनल व्यावहारिक नहीं था।

अदालत ने कहा था, ‘‘हालांकि यह बताया गया है कि प्रतिवादी संख्या-दो (प्रसार भारती) अपने कर्तव्य के निर्वहन में अपने डीडी गिरनार, डीडी राजस्थान और डीडी सह्याद्री चैनलों पर सिंधी भाषा में कार्यक्रमों का विधिवत प्रसारण कर रहा है, जो उन क्षेत्रों को कवर करता है, जहां सिंधी आबादी मुख्य रूप से केंद्रित हैं, यानी- गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र।

उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘यह बताया गया है कि ये चैनल पूरे देश में उपलब्ध हैं और डीटीएच-एक प्लेटफॉर्म पर भी प्रसारित किए जाते हैं।’’

ये भी पढ़ेंः ‘सिर्फ सनसनी फैलाने के लिए…’, कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स वाली याचिका पर भड़के CJI, की खारिज

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 13:44 IST, October 14th 2024

Recommended

Live TV

Republic Bharat is Bharat's leading news channel.