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पब्लिश्ड 11:41 IST, March 21st 2024

'ब्राह्मणवाद से आजादी...' छात्रसंघ चुनाव से पहले JNU में लगे ब्राह्मण विरोधी नारे, मचा बवाल

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रसंघ का चुनाव होने वाला है लेकिन उससे पहले कैंपस में जमकर ब्राह्मणवाद के खिलाफ नारे लगाए गए।

Reported by: Kanak Kumari Jha
JNU में लगे 'ब्राह्मणवाद से आजादी...' के नारे | Image: Facebook

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी पढ़ाई-लिखाई से ज्यादा विवादों का अड्डा बनता जा रहा है। अक्सर विवादों की वजह से चर्चा में रहने वाले जेएनयू में छात्रसंघ का चुनाव होने जा रहा है। इससे पहले यहां एक बार फिर से बवाल मच गया। ये बवाल तब मचा, जब विश्वविद्यालय में ब्राह्मण विरोधी नारे लगाए गए।

JNU के छात्रों ने ना सिर्फ ब्राह्मणवाद के खिलाफ नारे लगाए, बल्कि हवा में उड़ गए जय श्रीराम जैसे नारे लगाए गए। याद दिला दूं कि ये वहीं विश्वविद्यालय है, जहां से 'अफजल हम शर्मिंदा हैं...तेरे कातिल जिंदा हैं' जैसे आवाजें गूंजती है। हैरानी की बात ये है कि इसके बाद भी लोग बचाव में खड़े हो जाते हैं।

'हवा में उड़ गए जय श्री राम...'

JNU में ढोल और तुरही की आवाज के बीच, 'ब्राह्मणवाद से आजादी' और 'मिले मुलायम, कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्री राम' जैसे नारे लगाए गए। बता दें, जय श्री राम को अक्सर भारतीय जनता दल से जोड़कर देखा जाता है।

यूपी चुनाव के दौरान शुरू हुआ था ये नारा...

उत्तर प्रदेश में 1993 में विधानसभा चुनाव के दौरान इस नारे की उत्पत्ति हुई थी। इसमें  समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम का जिक्र है।

22 मार्च को JNU में होगा JNUSU चुनाव

JNU में 22 मार्च को JNUSU का चुनाव होने जा रहा है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए आठ दावेदार हैं। इन्हीं दावेदारों को सुनने के लिए छात्रों की एक बड़ी भीड़ परिसर में इकट्ठा हुई।

पहले भी JNU में लगे ब्राह्म्ण विरोधी नारे

ऐसा पहली बार नहीं है, जब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में ब्राह्म्ण विरोधी नारे लगाए गए हैं। इससे पहले दिसंबर 2022 में जेएनयू के कई दीवारों पर ब्राह्म्ण विरोधी नारे लिखे गए थे। इसकी तस्वीरें ABVP ने शेयर की थी और कार्रवाई की भी मांग की थी। JNU के ABVP के प्रेसिडेंट रोहित कुमार ने कहा था कि ये नारे रात को लिखे गए थे और इन जगहों पर कोई CCTV कैमरे नहीं लगे हुए थे, जिसकी वजह से ये बताना मुश्किल है कि किसने लिखा।  

इसे भी पढ़ें: भ्रामक विज्ञापन मामले में बालकृष्ण ने मांगी माफी, SC ने 2 अप्रैल को पेश होने का दिया आदेश

अपडेटेड 12:08 IST, March 21st 2024

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