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Published 22:01 IST, September 23rd 2024

झारखंड चुनाव में चंपई सोरेन को चुनौती देने के लिए तैयार कृष्णा बास्के, आदिवासी वोट बैंक पर किया दावा

कृष्णा बास्के ने जोर देकर कहा कि चंपई सोरेन के जाने से पार्टी में कोई कमजोरी नहीं आएगी।

Reported by: Amit Bajpayee
Edited by: Deepak Gupta
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Krishna Baske ready to challenge Champai Soren in Jharkhand elections | Image: Republic
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Jharkhand Elections: झारखंड की राजनीति में बड़ा बदलाव उस समय आया जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रभावशाली आदिवासी नेता चंपई सोरेन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए। इस कदम ने पूरे राज्य, विशेषकर सरायकेला विधानसभा क्षेत्र में एक नई हलचल पैदा कर दी है।

रिपब्लिक भारत से बातचीत करते हुए JMM के केंद्रीय सदस्य कृष्णा बास्के ने चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के असर पर अपनी स्पष्ट राय रखी। उन्होंने विश्वास जताया कि इस निर्णय का झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। बास्के ने कहा, “सरायकेला में हमारे वोटर और कार्यकर्ता पूरी तरह से JMM के साथ हैं और वे कभी बीजेपी में नहीं जाएंगे। हमारे संगठन में तेजी से लोग जुड़ रहे हैं, और JMM पहले से अधिक मजबूत होकर उभरेगा।”

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चंपई सोरेन के जाने से पार्टी में कोई कमजोरी नहीं आएगी- कृष्णा बास्के

कृष्णा बास्के ने जोर देकर कहा कि चंपई सोरेन के जाने से पार्टी में कोई कमजोरी नहीं आएगी। उनके अनुसार, कोल्हान क्षेत्र की 14 विधानसभा सीटों पर चंपई का प्रभाव सीमित है। उन्होंने कहा, "यहां की जनता बहुत जागरूक है। चंपई 30 साल से राजनीति कर रहे थे, लेकिन उनकी पकड़ अब कमजोर हो चुकी है। सरायकेला का दौरा करने के बाद हमें जनता से JMM के लिए अपार समर्थन मिल रहा है। इससे पार्टी का मनोबल और ऊंचा हुआ है।"

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चंपई सोरेन के नेतृत्व को लेकर बास्के ने यह भी स्वीकार किया कि वे एक अच्छा नेता रहे हैं, लेकिन उनके जाने से JMM की जमीन को कोई नुकसान नहीं होगा। "हमने चंपई को उस मुकाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन उनके जाने से पार्टी पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा,"

टिकट मिलने पर क्या करेंगे?

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विधानसभा चुनाव में चंपई के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे उन्हीं के शिष्य कृष्णा बास्के से पूछा गया कि अगर उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में JMM से टिकट नहीं मिला, तो उनका अगला कदम क्या होगा? इस पर उन्होंने साफ किया कि वे पार्टी के निर्णय का पालन करेंगे। "हम संगठन को मजबूत करने में लगे हैं, और अगर पार्टी ने हमें टिकट दिया, तो हम संगठित होकर चुनाव लड़ेंगे। जो भी फैसला शीर्ष नेतृत्व करेगा, हम उसे मानकर आगे बढ़ेंगे," .

चंपई सोरेन का अपमान का दावा

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चंपई सोरेन द्वारा JMM में अपमानित होने के दावे पर बास्के ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अगर उन्हें अपमानित किया गया होता, तो उन्हें मुख्यमंत्री क्यों बनाया जाता? हेमंत सोरेन और गुरुजी ने चंपई सोरेन को मंत्री और मुख्यमंत्री पद तक पहुंचाया। 5 महीने के लिए सही, लेकिन मुख्यमंत्री तो बने। इतना मान-सम्मान मिलने के बाद भी अगर वह अपमान की बात कर रहे हैं, तो इसे समझना मुश्किल है।"

हेमंत विश्व शर्मा के झारखंड दौरे और आदिवासियों के उत्थान की बात पर, बास्के ने कहा अगर वे वास्तव में आदिवासियों के हितेषी हैं, तो केंद्र में उनकी सरकार है वो सरना धर्म कोड और 1932 का खतियान लागू करवाएं।

चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने से झारखंड की राजनीति में निश्चित रूप से एक नया मोड़ आया है, लेकिन JMM के पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को पूरा विश्वास है कि इससे पार्टी पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। पार्टी के भविष्य और आदिवासी वोट बैंक को लेकर JMM आत्मविश्वास से भरी हुई है, और आने वाले चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन बदलावों का क्या परिणाम निकलता है।

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22:01 IST, September 23rd 2024