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Published 21:41 IST, October 15th 2024

Election News: भाजपा की कोशिश बढ़त बनाने की, हरियाणा में हार के सदमे से उबरने का प्रयास करेगा विपक्ष

लोकसभा चुनाव में भाजपा का अपेक्षाकृत प्रदर्शन नहीं रहा था और वह अपने बूते बहुमत भी हासिल नहीं कर सकी थी।

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BJP attempt to gain lead attempt to start with defeat in Haryana | Image: PTI

हरियाणा विधानसभा चुनाव में तमाम आकलनों व अनुमानों को गलत साबित करने व लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन से कांग्रेस के उत्साह में आई तेजी को कम करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावों में ‘इंडिया’ गठबंधन को मात देकर एक बार फिर हवा का रुख अपनी ओर मोड़ने का प्रयास करेगी।

लोकसभा चुनाव में भाजपा का अपेक्षाकृत प्रदर्शन नहीं रहा था और वह अपने बूते बहुमत भी हासिल नहीं कर सकी थी। इन नतीजों को तो कुछ जानकारों ने केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी की उल्टी गिनती तक करार दिया था, लेकिन हरियाणा चुनाव में उसके प्रदर्शन ने इन विमर्शों पर फिलहाल के लिए तो विराम लगा दिया है।

निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को घोषणा की कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होंगे, जबकि झारखंड में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में चुनाव होंगे। दोनों राज्यों में वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी।

महाराष्ट्र और झारखंड दोनों ही राज्यों में भाजपा और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दलों के साथ ही शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अलग-अलग गुटों और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) जैसे क्षेत्रीय दलों के बीच है।

झारखंड और खासतौर पर महाराष्ट्र में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव में अगर प्रभावशाली प्रदर्शन करता है तो लोकसभा चुनाव में पार्टी के लचर प्रदर्शन के बाद पार्टी के राजनीतिक प्रभुत्व पर संशय खत्म हो जाएंगे और विपक्ष को करारा झटका लगेगा। हालांकि, दोनों राज्यों में विपक्ष की स्थिति को मजबूत माना जा रहा है।

झारखंड में भाजपा का मुख्य मुकाबला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले झामुमो, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के गठबंधन से है।

महाराष्ट्र से भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘‘अगर हम महाराष्ट्र चुनाव जीतते हैं और जैसा कि हमें भरोसा है... तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि लोग हमारे इस दावे को स्वीकार करते हैं कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल लोकसभा चुनाव में मतदाताओं के एक वर्ग को गुमराह करने में सफल रहे। क्योंकि समूचे विपक्ष ने भाजपा से संविधान को खतरे की बात कही थी और ऐसा करके उसने मतदाताओं के एक वर्ग को गुमराह किया था।’’

उन्होंने कहा कि हरियाणा में भाजपा का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जनता के बीच इस तरह के मूड का संकेत देता है। हरियाणा में लोकसभा चुनाव में जहां कांग्रेस और भाजपा बराबरी पर थे और दोनों दलों ने पांच-पांच सीटें जीती थीं, वहीं विपक्षी महा विकास आघाडी ने भाजपा-शिवसेना-राकांपा के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को करारी शिकस्त दी थी।

राजग नेताओं ने कहा है कि दोनों प्रतिद्वंद्वी गठबंधनों की सीटों के अंतर के बावजूद, उनके वोट शेयर में अंतर एक प्रतिशत से भी कम था। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा चुनावों में हार के बाद से गठबंधन के बेहतर प्रदर्शन के लिए जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे हैं और विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों तक पहुंचने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर नेताओं में मतभेदों को दूर करने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसी ही रणनीति हरियाणा चुनाव में अपनाई गई थी जिसका फायदा भाजपा को मिला भी।

राज्य सरकार द्वारा विभिन्न समुदायों के लिए कल्याण बोर्ड स्थापित करने की हालिया घोषणा इसका एक उदाहरण है कि भाजपा कैसे विभिन्न समुदायों को साथ लेकर चलती है। हालांकि, राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन को महाराष्ट्र में सत्ता बरकरार रखने के लिए कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इसके घटक दल और उनके नेता कई बार अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए अलग-अलग उद्देश्यों पर काम करते हैं, जबकि एमवीए ने भाजपा का मुकाबला करने में अब तक उद्देश्य की एकता दिखाई है।

माना जाता है कि लोकसभा चुनाव में सहानुभूति एक प्रमुख कारक था जिसकी वजह से उद्धव और शरद पवार के नेतृत्व वाले पार्टी धड़ों को फायदा पहुंचा था। विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनकी संबंधित पार्टी के लिए महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि उन्हें इन चुनावों में अपनी ताकत दिखाने का पहला मौका मिलेगा।

झारखंड में लोकसभा चुनाव में भाजपा को आदिवासी क्षेत्रों में चुनौती का सामना करना पड़ा था। हालांकि अपनी कमियों को दुरुस्त करने के लिए पार्टी ने अपने संगठनात्मक तंत्र को मजबूत करने का प्रयास किया है।

झामुमो-कांग्रेस गठबंधन को हराने के मकसद से अपने अभियान को तेज करने और भ्रष्टाचार तथा संदिग्ध बांग्लादेशी घुसपैठियों से आदिवासी पहचान को कथित खतरे से जुड़े मुद्दों को खड़ा करने के प्रयास के तहत भाजपा ने अपने अनुभवी प्रचारकों केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को राज्य में चुनाव का प्रभारी बनाया है।

Updated 21:41 IST, October 15th 2024

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