पब्लिश्ड 20:31 IST, December 13th 2024
'लाल किले पर मेरा मालिकाना हक, सरकार का अवैध कब्जा', मुगलों की बहू ने दायर की याचिका; HC का आया जवाब
सुल्ताना बेगम ने अपनी याचिका में कहा था कि बहादुर शाह जफर-द्वितीय का 11 नवंबर, 1862 को निधन हो गया था और भारत सरकार का उनकी संपत्ति पर अवैध कब्जा है।
- भारत
- 3 min read
Delhi High Court On Sultana Begum: भारत की धरोहर और यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल दिल्ली के लाल किले पर अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर-द्वितीय के परपोते की विधवा सुल्ताना बेगम ने स्वामित्व का दावा किया है। लाल किले पर मालिकाना हक का दावा करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। शुक्रवार को कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।
इस याचिका में बहादुर शाह जफर-द्वितीय के पड़पोते की विधवा ने वैध उत्तराधिकारी होने के नाते खुद को लाल किले का स्वामित्व प्रदान करने का अनुरोध किया था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने उच्च न्यायालय के सिंगल बेंच के दिसंबर 2021 के फैसले के खिलाफ सुल्ताना बेगम की अपील को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि यह अपील ढाई साल से अधिक की देरी के बाद दायर की गई है जिसे माफ नहीं किया जा सकता।
देरी पर खराब स्वास्थ्य का हवाला
सुल्ताना बेगम ने कहा कि वह अपनी खराब स्वास्थ्य स्थिति और अपनी बेटी के निधन के कारण अपील दायर नहीं कर सकीं। इसपर पीठ ने कहा 'हम उक्त स्पष्टीकरण को अपर्याप्त पाते हैं, यह देखते हुए कि देरी ढाई साल से अधिक की है। याचिका को भी कई दशकों तक विलंबित रहने के कारण (एकल न्यायाधीश द्वारा) खारिज कर दिया गया था। देरी के लिए माफ करने के आवेदन को खारिज किया जाता है, अपील भी खारिज की जाती है।'
150 से ज्यादा साल बाद पहुंची कोर्ट
सिंगल बेंच ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा अवैध रूप से कब्जे में लिए गए लाल किले पर स्वामित्व की मांग करने वाली बेगम की याचिका 20 दिसंबर, 2021 को यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि 150 से अधिक सालों के बाद अदालत का दरवाजा खटखटाने में अत्यधिक देरी का कोई औचित्य नहीं है।
'भारत सरकार का अवैध कब्जा'
अधिवक्ता विवेक मोरे के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया है कि 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेजों ने परिवार को उनकी संपत्ति से वंचित कर दिया था और सम्राट को देश से निर्वासित कर दिया गया था। इसके अलावा मुगलों से लाल किले का कब्जा जबरदस्ती छीन लिया गया था। इसमें दावा किया गया है कि बेगम लाल किले की मालकिन हैं क्योंकि उन्हें यह विरासत उनके पूर्वज बहादुर शाह जफर-द्वितीय से मिली है। इसमें कहा गया है कि बहादुर शाह जफर-द्वितीय का 11 नवंबर, 1862 को 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था और भारत सरकार का उनकी संपत्ति पर अवैध कब्जा है।
याचिका में केंद्र सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह लाल किले का कब्जा याचिकाकर्ता को सौंप दे या फिर पर्याप्त मुआवजा दे। इसमें साल 1857 से लेकर अब तक लाल किले पर सरकार के कथित तौर पर अवैध कब्जे के लिए भी मुआवजे की मांग की गई थी।
अपडेटेड 20:31 IST, December 13th 2024