Published 17:01 IST, June 29th 2024
Delhi News: अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं, 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए
Arvind Kejriwal Judicial Custody: तथाकथित शराब घोटाला केस से जुड़े सीबीआई के मामले में केजरीवाल को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं मिली है। तथाकथित शराब घोटाला केस से जुड़े सीबीआई के मामले में केजरीवाल को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 26 जून को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 3 दिन की सीबीआई कस्टडी में भेजा था। आज केजरीवाल की सीबीआई रिमांड खत्म हुई। उसके बाद अदालत में उन्हें पेश किया गया था। दिल्ली की अदालत ने फिलहाल अरविंद केजरीवाल को 12 जुलाई तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
तथाकथित शराब घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल अब दो मामलों में गिरफ्तार हो चुके हैं। 21 मार्च 2024 को पहले प्रवर्तन निदेशालय यानी ED की टीम ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। तब से केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद है। हालांकि 21 दिनों के लिए वो बीच में अंतरिम जमानत पर जरूर बाहर आए थे। हालांकि 2 जून को सरेंडर करना पड़ा था। ईडी के बाद शराब घोटाला मामले में 26 जून को सीबीआई ने उनकी गिरफ्तारी की है। 3 दिनों की सीबीआई रिमांड खत्म होने पर केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
शराब घोटाले में CBI की जांच कहां तक पहुंची?
सीबीआई ने आप सुप्रीमो को पहली बार 16 अप्रैल 2023 को गवाह के तौर पर पूछताछ के लिए बुलाया था। उस समय उन्हें 14 महीने तक आरोपी नहीं बनाया गया था। केजरीवाल के मामले में सीबीआई कहती है कि 16 मार्च 2021 को एक शराब कारोबारी से संपर्क किया गया कि केजरीवाल शराब नीति को लेकर मिलना चाहते हैं। 25 मई 2021 को पॉलिसी आई। 16 मार्च 2021 को शराब कारोबारी से मुलाकात की कोशिश की गई। मगुंटा रेड्डी का बयान मौजूद है। कविता और रेड्डी 20 मार्च 2021 को फिर मिले। 19 मार्च को मिलने के लिए कविता ने रेड्डी को कॉल किया था। विजय नायर को कोऑर्डिनेट करने का जिम्मा सौंपा गया। 19 को वो हैदराबाद में था। लॉकडाउन की वजह से एक प्राइवेट फ्लाइट से अभिषेक और बुचीबाबू दिल्ली पहुंचे थे।
सीबीआई के मुताबिक, अभिषेक बोइनपल्ली ने विजय नायर के माध्यम से मनीष सिसोदिया को एक रिपोर्ट भेजी थी। सिसोदिया के सचिव सी अरविंद ने रिपोर्ट टाइप की और इसे उनके कैंप कार्यालय (सीएम) में दिया गया। एडवांस के तौर पर उसी समय साउथ ग्रुप की तरफ से 100 करोड़ दिए गए, ताकि प्रॉफिट मार्जिन बढ़ाकर 6 से 12 करा दिया गया। जीओएम की रिपोर्ट साउथ ग्रुप द्वारा तैयार की गई थी, वो रिपोर्ट एलजी कार्यालय को भेजी गई थी। सीबीआई दावा करती है कि हमारे पास ये दिखाने के लिए सबूत हैं कि साउथ ग्रुप ने कहा था कि नीति (शराब नीति) कैसी होनी चाहिए।
गोवा ट्रेल के बारे में सबूत हैं- CBI
दिल्ली की अदालत में पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने दावा किया था कि गोवा ट्रेल के बारे में सबूत हैं कि किसने किसको पैसे दिए। इलेक्शन के लिए पैसे दिए गए और पैसे खर्च किए गए थे। जब रिपोर्ट एलजी ऑफिस गई तो उस पर विचार किया गया और 7 सवाल उठाए गए, लेकिन उन पर कभी चर्चा नहीं हुई। कोविड का समय चल रहा था। जिस जल्दबाजी में ये काम किया गया, सर्कुलेशन के जरिए हस्ताक्षर लिए गए। कोई भी इंतजार नहीं करना चाहता था।
सारा पैसा नकद दिया गया है- CBI
सीबीआई कहती है कि सारा पैसा नकद दिया गया है। हम 44 करोड़ रुपये के बारे में पता लगा पाए हैं और ये भी पता लगा पाए हैं कि ये पैसा गोवा कैसे पहुंचा और इसका इस्तेमाल कैसे किया गया। चरणप्रीत सिंह ने चुनाव के लिए, गोवा के प्रत्याशियों के लिए और यहां तक कि सीएम के वहां रहने के लिए भी पैसे दे रहा था। जांच एजेंसी दावा करती है कि कोरोना के दौरान साउथ ग्रुप प्राइवेट प्लेन से दिल्ली आया था, जब कोई भी विमान सेवा नहीं चला रही थी। साउथ ग्रुप के कहने पर तैयार की गई रिपोर्ट को सरकार के पास ले जाया गया और वो रिपोर्ट ही नीति बन गई, प्रॉफिट मार्जिन 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया गया। सीबीआई ने कहा था कि अभी तक 4 आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं। 17 आरोपी हैं और हम जांच के लगभग निष्कर्ष पर पहुंच चुके हैं।
Updated 17:27 IST, June 29th 2024