पब्लिश्ड 17:48 IST, September 18th 2024
2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर पहुंचेंगे? Chandrayaan-4 मिशन को मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के नए चंद्र अभियान 'Chandrayaan 4 Missions' को मंजूरी दे दी है। इस मिशन के लिए 2,104.06 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
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Chandrayaan 4 Missions News: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (18 सितंबर) को भारत के नए चंद्र अभियान 'चंद्रयान-4' (Chandrayaan 4 Missions) को मंजूरी दे दी है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। यह अभियान 2040 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
सरकारी बयान के मुताबिक, चंद्रयान-4 मिशन के तहत चंद्रमा पर उतरने, चंद्रमा की चट्टानों और मिट्टी के नमूने इकट्ठा करने और उन्हें पृथ्वी पर लाने की तकनीक विकसित की जाएगी। इसके साथ ही यान को चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित उतारने और फिर पृथ्वी पर सुरक्षित लौटने के लिए आवश्यक सभी तकनीकी परीक्षण किए जाएंगे।
अश्विनी वैष्णव ने फैसलों के बारे में बताया
मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने शुक्र ग्रह की कक्षा संबंधी अभियान, गगनयान और चंद्रयान-4 अभियान के विस्तार को मंजूरी दी है।
ISRO के हाथों में सौंपी कमान
इस मिशन के लिए कुल 2,104.06 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इस यान का विकास और प्रक्षेपण करेगा। इसरो को उम्मीद है कि इस मिशन को मंजूरी मिलने के 36 महीनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा, जिसमें देश की उद्योग और शिक्षा क्षेत्र की भी भागीदारी होगी। सरकार का उद्देश्य इस मिशन के लिए सभी आवश्यक तकनीकें भारत में ही विकसित करना है, जिससे देश की आत्मनिर्भरता बढ़ सके।
चंद्रमा की मिट्टी पृथ्वी पर लाने की योजना
भारत ने पिछले साल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बनकर इतिहास रच दिया था। पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ ने चंद्रमा के साथ भारत के बेहतरीन अनुभवों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 मिशनों के डिजाइन पूरे हो चुके हैं। इन मिशनों का उद्देश्य चंद्रमा की मिट्टी और चट्टान के नमूने पृथ्वी पर लाना है। चंद्रयान-3 मिशन ने भारत की लूनर एक्सप्लोरेशन की क्षमता को आगे बढ़ाया और अगले मिशन इसे और मजबूत करेंगे।
2035 तक अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना
इसरो के चेयरमैन सोमनाथ ने बताया कि 2035 तक भारत अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है। यह स्टेशन 5 मॉड्यूल वाला होगा, जिसका पहला मॉड्यूल 2028 में लॉन्च किया जाएगा। इसका डिजाइन तैयार हो चुका है और सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इसे पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जाएंगे। इस अंतरिक्ष स्टेशन को भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सुरक्षित ठिकाने के रूप में तैयार किया जाएगा।
अंतरिक्ष में कचरे को लेकर भी भारत ने बड़ी पहल की है। सोमनाथ ने कहा कि डेब्री-फ्री स्पेस मिशन के तहत 2030 तक भारत का हर लॉन्च किया जाने वाला सैटेलाइट ऐसा होगा, जो कचरा ना बने बल्कि वापस पृथ्वी पर लौट आए। बेंगलुरु में इसके लिए ट्रैकिंग सिस्टम की शुरुआत हो चुकी है।
गगनयान मिशन की तैयारी भी पूरी
गगनयान मिशन की तैयारी भी पूरी हो चुकी है। अगले साल 2025 में तीन सदस्यों का दल पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर तीन दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस मिशन का पहला अनमैन्ड लॉन्च इस साल दिसंबर में श्रीहरिकोटा से होगा। इसरो का लक्ष्य है कि 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर कदम रखें। चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने की घोषणा की थी, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली के भारत मंडपम में शुरू किया।
अपडेटेड 17:48 IST, September 18th 2024