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पब्लिश्ड 16:03 IST, September 4th 2024

बंगाल में एंटी रेप बिल हुआ पास तो ममता पर भड़के जीतन मांझी, कहा- उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए, जो...

पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, दिखावा किया जा रहा है। ममता बनर्जी को सबसे पहले इस्तीफा दे देना चाहिए।

Reported by: Rupam Kumari
Jitan Ram Manjhi & Mamata Banerjee | Image: ANI/PTI

West Bengal Aparajita Anti-Rape Bill : ममता बनर्जी ने बंगाल विधानसभा में 'अपराजिता' एंटी-रेप बिल पेश किया, जिसमें राज्य में बलात्कारियों के लिए मौत की सजा का प्रस्ताव है। यह बिल अब पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है।  मसौदा कानून में बलात्कार के दोषी व्यक्तियों के लिए मृत्युदंड की मांग की गई है। BJP ने भी बिल सर्वसम्मति जताई है। मगर NDA के सहयोगी HAM पार्टी के मुखिया और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिल को लेकर ममता बनर्जी पर हमला बोला है।

इस बिल के अनुसार, रेप और हत्या करने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।  बलात्कार के दोषी लोगों के लिए पैरोल के बिना आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान करता है। ममता सरकार ने इस बिल में 'अपराजिता' टास्क फोर्स बनाए जाने की भी बात की है। ये फोर्स महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर एक्शन लेगी और आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़कर जेल में डालेगी। मगर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बिल को दिखावा बताया है।

ममता पर भड़के जीतन राम मांझी

पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, दिखावा किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल में जो जघन्य घटना हुई उसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस्तीफा दे देना चाहिए। एक महिला होते हुए भी अपने राज्य में महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे पा रही है। अब जो कानून पास हुआ है उसमें आजीवन सजा की बात आई है। मेरा मानना है कि ऐसे मामले में फांसी ही होनी चाहिए।

'अपराजिता' एंटी-रेप बिल पास

बता दें कि 'अपराजिता' एंटी-रेप बिल सदन से पास होने के बाद राज्यपाल के पास जाएगा, फिर राष्ट्रपति की बिल पर मुहर लगेगी और यहा कानून के रूप ले लेगा। यह विधेयक सुनिश्चित करेगा कि महिलाओं के उत्पीड़न और बलात्कार के मामलों में कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इसमें POCSO अधिनियम के प्रावधानों को और कड़ा किया गया है। मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। बलात्कारियों के लिए यह प्रावधान किया गया है कि अगर दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता की मृत्यु हो जाती है या वो कोमा में चली जाती है तो इसके तहत अपराजिता टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसमें प्रारंभिक रिपोर्ट के 21 दिनों के भीतर सजा दी जाएगीI 
 

यह भी पढ़ें: बंगाल में रेप-हत्या पर फांसी, पीड़िता का नाम बताने पर 5 साल जेल... 'अपराजिता' बिल में क्या-क्या सजा?

अपडेटेड 17:10 IST, September 4th 2024

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