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Published 15:09 IST, September 17th 2024

BIG BREAKING: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अगले आदेश तक बुलडोजर एक्शन पर लगाई रोक

उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी।

Reported by: Digital Desk
अगले आदेश तक बुलडोजर एक्शन पर लगाई रोक | Image: PTI

Supreme Court on bulldozer action: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में डिमोलिशन यानी बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। इस मामले में कोर्ट अगली सुनवाई एक अक्टूबर को करेगा, तब तक कोर्ट का यह आदेश लागू रहेगा।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बी.आर गवई और जस्टिस के.वी विश्वनाथन की बेंच ने यह रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह देश भर में लागू होने वाले दिशानिर्देश बनाएगा। सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश तक देश भर में तोड़फोड़ पर रोक रहेगी। हालांकि ये आदेश पब्लिक रोड, गली, वाटर बॉडी, फुटपाथ, रेलवे लाइन आदि पर अवैध कब्जों पर लागू नहीं होगा। कोर्ट का कहना है कि सार्वजनिक अतिक्रमण पर एक्शन लिया जा सकेगा। कोर्ट ने कहा कि देश में बुलडोजर न्याय के महिमामंडन और दिखावे को इजाजत नहीं दी जा सकती।

'गलत नैरेटिव बनाने की कोशिश'

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जहां भी बुलडोजर की कार्रवाई हुई है, उन सभी जगहों पर पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है। पहले 2022 में नोटिस जारी हुआ था, उसके बाद घटना घटी और तब बुलडोजर की कार्रवाई हुई। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि बुलडोजर एक्शन पर गलत नैरेटिव बनाने की कोशिश हो रही है। एक समुदाय विशेष को टारगेट करने का आरोप पूरी तरह से गलत है।

'बाहर की बातें हमें प्रभावित नहीं करती'

इस पर जस्टिस विश्वनाथन ने कहा- कोर्ट के बाहर जो बातें हो रही हैं, वो हमें प्रभावित नहीं करती। हम इस बहस में नहीं जाएंगे कि किसी खास समुदाय को टारगेट किया जा रहा है या नहीं। अगर गैरकानूनी डिमोलिशन का एक भी मसला है, तो वो संविधान की भावना के खिलाफ है। जस्टिस गवई ने कहा कि नैरेटिव से हम प्रभावित नहीं हो रहे। हम ये साफ कर चुके हैं कि हम अवैध निर्माण को संरक्षण देने के पक्ष में नहीं हैं। जरूरत है कि डिमोलिशन की प्रकिया स्ट्रीमलाइन हो। जस्टिस गवई ने ये भी कहा कि कार्यपालिका जज का काम नहीं कर सकती। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस संबंध में गाइडलाइन जारी करने वाले हैं। 1 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी। तब तक कोर्ट निर्देश के बिना कोई बुलडोजर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि आपको इस संबंध में कोर्ट की मदद करनी होगी, ऐसा नहीं होने पर हम इस संबंध में चुनाव आयोग को कहेंगे।

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Updated 15:36 IST, September 17th 2024

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