Published 12:34 IST, November 12th 2024
EXCLUSIVE/ 'मैंने एक बार सबसे बड़ी पीड़ा का अनुभव किया'... बाबा रामदेव ने खोला राज, बताया किस बात का था दुख
India Economic Summit: बाबा रामदेव ने कहा कि किसी को भी आत्मगिलानी, आत्मकुंठा और आत्मस्मृति में नहीं जीना चाहिए। हम भगवान के अंश हैं।
- भारत
- 3 min read
Baba Ramdev : बाबा रामदेव ने एक बड़ा खुलासा किया है। योग गुरु बाबा रामदेव मंगलवार को रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के इंडिया इकोनॉमिक समिट में शामिल हुए। यहां एडिटर-इन चीफ अर्नब गोस्वामी के साथ बातचीत में बाबा रामदेव ने अपनी चुनौतियों को जवाब दिया और कहा कि जहां तक चुनौतियों की बात है, वो सबके सामने हैं। सत्ताधारी पार्टियों के सामने दूसरी तरह की चुनौतियां हैं, विपक्ष के सामने अलग चुनौतियां हैं। इसी दौरान बाबा रामदेव ने उस किस्से के बारे में भी बताया, जिससे उन्हें सबसे ज्यादा पीड़ा पहुंची थी।
जब योगगुरु बाबा रामदेव से पूछा गया कि आप पिछले एक साल को कैसे देखते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि किसी को भी आत्मगिलानी, आत्मकुंठा और आत्मस्मृति में नहीं जीना चाहिए। हम भगवान के अंश हैं। मेरा भोर सुबह 3 बजे से शुरू होता है और रात को 10 बजे अखंड प्रचंड पुरुषार्थ चलता है। मेरे जीनव के दो ही शब्द हैं। विकल्प रहित संकल्प और अखंड प्रचंड पुरुषार्थ, फिर जो आएगा सो देखा जाएगा।
मैंने एक बार सबसे ज्यादा पीड़ा का अनुभव किया- रामदेव
इसी दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि 'मैंने एक बार जरूर सबसे ज्यादा पीड़ा का अनुभव किया। जब मैं आंदोलन के समय राष्ट्रीय मुद्दों के साथ लड़ रहा था, तब भी मुझे पीड़ा का अनुभव नहीं हुआ था। ठीक है कि आप जब भी संघर्ष करेंगे, सत्ता से टकराएंगे तो आपने सामने प्रश्न तो आएंगे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मुझे घसीटा गया। हमारे जो 50-50 लाख की फीस लेते हैं वकील, उन्होंने कहा कि आप कुछ बोलना मत जरूर, लेकिन मैंने कह दिया कि मैं बोलूंगा जरूर। क्योंकि मैं कोई अपराधी नहीं हूं।'
बाबा रामदेव ने आगे बताया कि, 'वहां बात नहीं बनी तो मैंने दूसरे दूसरे जरिए से जज साहब तक बात पहुंचाई कि मुझे बोलने का मौका जरूर दिया जाए। जब मुझसे पूछा गया कि आपने काम तो बहुत अच्छा किया है तो मैंने जवाब दिया कि मैंने गलत क्या किया है, वो बता दो।'
'हमने 100 से ज्यादा रिसर्च और एविडेंस बेस्ड मेडिसिन बनाईं'
बाबा रामदेव ने अपने जवाब में कहा कि 'पूरी दुनिया में अभी तक आयुर्वेद के बारे में बोला जाता है कि रिसर्च और एविडेंस बेस्ड मेडिसिन नहीं है। हमने 100 से ज्यादा रिसर्च और एविडेंस बेस्ड मेडिसिन वो बना दी हैं, जो काम अभी तक WHO और पूरे वर्ल्ड का मेडिकल सिस्टम नहीं कर सका। फिर मुझसे कहा गया कि आपने काम तो अच्छा है, लेकिन आपने ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट आता है उसका पालन नहीं किया है। इस पर हमने जवाब दिया कि अगर कानून गलत हो तो मैं अपराधी नहीं हो सकता हूं। मुझे ग्लानी नहीं है। मैंने जन्म से लेकर आज तक अनैतिकल और इमोरल काम नहीं किया है।'
Updated 12:34 IST, November 12th 2024