Published 16:50 IST, November 10th 2024

EXCLUSIVE/ 'खुद को पोस्टर बॉय समझना बंद करें, सभी सनातनियों को...', बाबा बागेश्वर ने बताई एकता की ताकत

बाबा बागेश्वर ने कहा कि इजरायल की जीत का कारण एकता है। इजरायल का रहने वाला नागरिक अपने देश की सेवा करने के लिए भागता है। हमें भी एक होने की जरूरत है।

Reported by: Ruchi Mehra
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बाबा बागेश्वर का इंटरव्यू | Image: Republic
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Baba Bageshwar Interview: बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 21 नवंबर से 160 किलोमीटर की पदयात्रा निकाल रहे हैं। इससे पहले उन्होंने रिपब्लिक के एग्जिक्यूटिव एडिटर ऐश्वर्य कपूर के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की और अपनी इस पदयात्रा के पीछे का उद्देश्य बताने के साथ सनातन बोर्ड समेत कई और मुद्दों पर अपने विचार रखे।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने CM योगी के 'बंटेंगे तो कंटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे' और PM मोदी के 'एक हैं तो सेफ हैं' पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि एकता की ताकत बहुत है।

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'इजरायल की एकता जीत का बड़ा कारण'

उन्होंने कहा कि इजरायल की जीत का कारण एकता है। अगर कोई इजरायल का नागरिक भारत में रहता है तो भी वह अपने देश की सेवा करने के लिए भागता है। 18 साल का एक बच्चा इजरायली बालक मुझे एयरपोर्ट मिला वो अपने देश की सेवा के लिए वापस जाना चाहता था।

इसके साथ ही बाबा बागेश्वर ने बताया कि क्यों अब समय आ गया है जब धर्मगुरुओं को एक होने की जरूरत है और कैसे वह एकजुट हो सकते हैं? उन्होंने बताया कि देश में सभी धर्मगुरु एक नहीं होते।

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बाबा बागेश्वर ने बताया क्यों धर्मगुरुओं को एक होने की जरूरत?

बाबा बागेश्वर ने कहा कि देश में जब तक सनातन के प्रचारक जब तक अपने आप को पोस्टर बॉय समझेंगे कि मैं ही सर्वेसर्वा हूं मेरे ही कारण ये सब कुछ हो रहा है तब तक सनातन एक नहीं होगा। तब तक आप जोरदार तरीके से किसी भी विषय के मुद्दे पर सफलता नहीं पा सकते हैं, चाहे जितना अलग-अलग मूवमेंट चलाते रहें।

उन्होंने कहा कि हमें इस लालच को त्यागना होगा कि हमारे कारण ऐसा हो रहा है। हिंदू सनातनी के कारण ऐसा हो रहा है, हम सब मिलकर कर रहे हैं, तब हो जाएगा। इसलिए धर्मगुरु सारे एक साथ नहीं आते। किसी को लगता है हमारा मुद्दा भटक जाएगा, कोई अपने पद की गरिमा, स्वाभिमान की वजह से धर्मगुरु अलग-अलग हो रहे हैं।

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‘आजादी के लिए रास्ते अलग थे, लेकिन लक्ष्य एक…’

बाबा बागेश्वनर ने आगे कहा कि यही हाल गुलामी के समय भी हुआ था। सब राजा अपना अहंकार लेकर बैठे थे। फूट डालकर अंग्रेजों ने सबको काट दिया और अपना अधिकार जमा लिया। जब उनके बीच से लोग निकले सुभाष चंद्र बोस हो या चंद्रशेखऱ आजाद या फिर भगत सिंह या फिर सुखदेव। भले ही मिशन और रास्ते अलग अलग थे लेकिन टारगेट और विजन एक था और वो था आजादी। हर आदमी चाहता था मुझे आजादी चाहिए। आजादी के लिए खून बहे। भगत सिंह सूली पर चढ़ गए।

‘…तब कहां जाएंगे हिंदू?’

उन्होंने कहा कि ऐसे ही वर्तमान के धर्मगुरुओं को भी हर हाल में हिंदू राष्ट्र का लक्ष्य तय कर लेना चाहिए। यहूदियों के लिए तो एक देश निश्चित है। बांग्लादेश के हिंदू बॉर्डर पर गोद में बच्चियों को लेकर रोते रहे, लेकिन उन्हें एंट्री नहीं मिली... ये देश का दुर्भाग्य है। कल को किसी देश के रहने वाले हिंदुओं को निष्कासित करती है तो वो जाएंगे कहां?

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बाबा बागेश्वर ने आगे कहा कि भारत में अगर कोई गैर हिंदुओं सत्ता में बैठ जाए और हिंदुओं से कहे कि देश से निकाल जाओ... तो तुम जाओगे कहां? इसलिए भारत के धर्मगुरुओं को पोस्टर बॉय बनने की जगह एक होना चाहिए। 

पूरा इंटरव्यू- 

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16:49 IST, November 10th 2024