Published 20:27 IST, September 1st 2024
BJP पर आरोप लगाते हुए बोले अखिलेश, कहा- अब शहीदों के स्मारक पर बुलडोजर..
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को भाजपा पर शहीदों के स्मारकों पर भी बुलडोजर चलाने का आरोप लगाया।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर शहीदों के स्मारकों पर भी बुलडोजर चलाने का आरोप लगाया। मैनपुरी से लोकसभा सदस्य एवं उनकी पत्नी डिम्पल यादव ने दावा किया कि 'भाजपा भू-माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए' शहीदों का अपमान कर रही है।
उनकी टिप्पणी मैनपुरी जिले की किशनी तहसील में हुई उस घटना पर आई है जिसमें करगिल युद्ध में शहीद हुए मुनीश यादव के सम्मान में बनाए गए स्मारक की चारदीवारी को पिछले सप्ताह अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर ध्वस्त कर दिया गया था। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि सपा नेताओं द्वारा लगाए गए आरोप 'निराधार' और 'तथ्यहीन' हैं।
किशनी के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) गोपाल शर्मा ने बताया कि शहीद की पत्नी मंजू देवी और उनके भाई अवनीश कुमार ने शुक्रवार को जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण से शिकायत की थी कि भू-माफियाओं की मिलीभगत से लेखपाल और कानूनगो ने बिना कोई नोटिस दिए 29 अगस्त को स्मारक की चारदीवारी को बुलडोजर से गिरा दिया।
शर्मा ने कहा कि…
शर्मा ने कहा कि प्रतिमा के पास अवैध अस्थायी निर्माण को ध्वस्त किया गया, लेकिन स्मारक की चारदीवारी को नहीं छुआ गया। उन्होंने यह भी कहा कि जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं और मामले में शामिल लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने एक पोस्ट में आरोप लगाया, ''भाजपा अब शहीदों के स्मारक पर भी बुलडोजर चलवा रही है।'' इसी पोस्ट में अखिलेश यादव ने कहा, ''मैनपुरी में करगिल के वीर शहीद मुनीश यादव के सन् 2000 में बने प्रतिमा स्मारक को मिट्टी में मिलाने का जो दुस्साहस प्रशासन ने शासन के इशारे पर किया गया है, उससे देश के सैनिकों और देश प्रेमियों के बीच मूक आक्रोश पनप रहा है।''
सपा प्रमुख ने कहा कि देश के मान-सम्मान के लिए जीवन न्योछावर करने वालों की शहादत का मोल भाजपाई कभी नहीं समझ सकते हैं। उन्होंने दावा किया, “इतिहास गवाह है कि आजादी के आंदोलन में जो लोग स्वतंत्रता सेनानियों का साथ देने की बजाय औपनिवेशिक शासकों के कान-आंख बनकर रहे थे, वो भला बलिदान की क़ीमत क्या जानें।''
यादव ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा की सियासत शहीदों में भी भेदभाव करने लगी है। उन्होंने कहा, “ये नकारात्मक राजनीति का निकृष्टतम रूप है। यदि भाजपा में जरा भी शर्म बची है तो मंडल से लेकर जिले स्तर के सभी बड़े अधिकारियों को तत्काल निलंबित करे और प्रतिमा-स्मारक की ससम्मान पुनर्स्थापना करे। नहीं तो हम सब मिलकर ये कार्य करेंगे। घोर, घोर, घोर निंदनीय।''
मैनपुरी से लोकसभा सदस्य डिंपल यादव ने “एक्स” पर एक पोस्ट में आरोप लगाया ''भाजपाई भू माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए शहीदों का अपमान कर रहे हैं। मैनपुरी में करगिल वीर शहीद मुनीश यादव की प्रतिमा को योगी आदित्यनाथ के प्रशासन ने भू माफियाओं के दबाव में बुलडोजर से तोड़ा, शर्मनाक।''
उन्होंने इसी पोस्ट में कहा कि दबंगों के दबाव में प्रशासन के माध्यम से देश के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वालों का सम्मान छीनना इस सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है। उन्होंने मांग की, '' सरकार वीर शहीद की प्रतिमा की ससम्मान पुनर्स्थापना करे।'' अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में दो मिनट से ज्यादा का एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें शहीद के परिजन अपनी पीड़ा बयान करते नजर आ रहे हैं।
मैनपुरी से विधायक जयवीर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘शहीद की प्रतिमा सुरक्षित है।’’ उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को विस्तार से बताते हुए कहा, 'यादव समुदाय से जुड़े एक सैनिक ने शहादत दी थी और मैनपुरी जिले की किशनी तहसील के एक गांव में उनका स्मारक बनाया गया था। प्रतिमा से करीब 60-70 मीटर की दूरी पर एक चक रोड (खेत तक जाने वाली सड़क) है। शहीद के भाई ने कंटीले तार लगाकर अवैध रूप से सड़क को बंद कर दिया था।'
सिंह ने कहा, 'गांव निवासी नियमित रूप से तहसील कार्यालय में आवेदन दे रहे हैं, ताकि सड़क को (सार्वजनिक उपयोग के लिए) बहाल किया जा सके । दो दिन पहले लेखपाल वहां गए थे, और उन्होंने इसकी पहचान की थी। सड़क अब भी बंद है, और उस व्यक्ति (शहीद के भाई) से कंटीले तार हटाने के लिए कहा गया है।'
एसडीएम शर्मा ने कहा, 'शहीद स्मारक की चारदीवारी गिराने के आरोप झूठे हैं।' जिला प्रशासन ने घुटारा गांव में शहीद स्मारक के लिए जमीन मंजूर की थी, जिसे चक रोड से 50 मीटर दूर बनाया गया था। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कुछ लोगों ने सड़क के एक हिस्से पर अवैध निर्माण कर लिया, जिससे अन्य किसानों की पहुंच अवरुद्ध हो गई।
एसडीएम ने कहा कि शिकायतों के बाद, राजस्व अधिकारियों ने क्षेत्र की माप की और पहुंच बहाल करने के लिए अवैध निर्माण को हटा दिया। अधिकारी ने कहा कि स्मारक की चारदीवारी को छुआ नहीं गया है।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 20:27 IST, September 1st 2024