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पब्लिश्ड 23:32 IST, September 2nd 2024

सड़क हादसे बड़ा संकट, रोड पर पैदल यात्री, साइकिल और दोपहिया वाहन सबसे असुरक्षित; WHO का दावा

दक्षिण पूर्व एशिया में सड़क हादसे में मारे जाने वाले 66 प्रतिशत पैदल यात्री, साइकिल, दोपहिया चालक हैं। WHO की ताजा रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

सांकेतिक फोटो | Image: AI Photo

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 66 प्रतिशत लोग पैदल यात्री, दोपहिया वाहन और साइकिल चालक होते हैं, जबकि भारत में सबसे अधिक मौतें दोपहिया और तिपहिया वाहन चालकों की होती हैं। ‘‘सड़क सुरक्षा पर डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय स्थिति रिपोर्ट’’ को ‘‘सुरक्षा 2024’’ के दौरान जारी किया गया, जो ‘इंजरी प्रीवेंशन एंड सेफ्टी प्रमोशन 2024’ पर सोमवार से शुरू हुआ 15वां विश्व सम्मेलन है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर, सड़क यातायात से होने वाली मौतों में से 30 प्रतिशत मौतें दोपहिया और तिपहिया वाहनों के उपयोगकर्ताओं से संबंधित हैं। इन मौतों में चार पहिया वाहनों के यात्रियों की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत और पैदल चलने वालों की 21 प्रतिशत है। साइकिल चालकों की मृत्यु पांच प्रतिशत है। शेष 20 प्रतिशत में बड़े वाहनों, भारी मालवाहक वाहनों और अन्य प्रकार के वाहनों के यात्री शामिल हैं।

17 प्रतिशत पैदल यात्रियों की मौत

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में, सड़क यातायात से होने वाली मौतों में से 46 प्रतिशत मौतें दोपहिया और तिपहिया वाहनों के उपयोगकर्ताओं की, 12 प्रतिशत चार पहिया वाहनों के उपयोगकर्ताओं, 17 प्रतिशत पैदल यात्रियों, तीन प्रतिशत साइकिल चालकों की और 22 प्रतिशत अन्य लोगों की होती हैं। इन सभी देशों में, सड़क यातायात से होने वाली कुल मौतों में से 66 प्रतिशत मौतें असुरक्षित सड़क उपयोगकर्ताओं (पैदल यात्री, मोटर चालित दोपहिया वाहन उपयोगकर्ता और साइकिल चालक) के कारण होती हैं।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘दोपहिया और तिपहिया वाहनों के चालक या यात्री, सभी सड़क उपयोगकर्ता श्रेणियों में भारत (45.1 प्रतिशत), मालदीव (100 प्रतिशत), म्यांमा (47 प्रतिशत) और थाईलैंड (51.4 प्रतिशत) में सबसे अधिक संख्या में हैं।’’ डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र में कोई भी देश सड़क यातायात से होने वाली मौतों को 50 प्रतिशत तक कम करने के अपने अनुमानित लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाया है।

सड़क दुर्घटनाएं 21वीं सदी का बड़ा संकट 

डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारक विभाग के निदेशक एटियेन क्रुग ने कहा कि सड़क यातायात दुर्घटनाएं 21वीं सदी का एक बड़ा संकट हैं। उन्होंने कहा, ‘‘... सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों में से एक बड़ा हिस्सा उन लोगों का है जो कार नहीं खरीद सकते।’’ डब्ल्यूएचओ ने सड़क यातायात से होने वाली मौतों को कम करने के उपायों में तेजी लाने का आह्वान किया है। सड़क दुर्घटनाएं 15-29 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं की मृत्यु का एक प्रमुख कारण है।

डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजेद ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘पैदल यात्री, साइकिल चालक और दोपहिया या तिपहिया वाहन सहित अन्य सड़क उपयोगकर्ता हमारे क्षेत्र में दर्ज की गई सभी सड़क यातायात मौतों का 66 प्रतिशत हिस्सा हैं।’’

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

अपडेटेड 23:32 IST, September 2nd 2024

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