Published 22:53 IST, September 21st 2024
‘एक देश एक चुनाव’ पर बोले कमल हासन- ये विचार खतरनाक, इसकी भारत में जरूरत नहीं
मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के संस्थापक एवं अभिनेता कमल हासन ने शनिवार को कहा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ का प्रस्ताव ‘‘खतरनाक’’ है और इसकी खामियों के निशान अब भी कुछ देशों में देखने को मिलते हैं, इसलिए इसकी भारत में न तो अभी और न ही भविष्य में जरूरत है।
- मनोरंजन
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मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के संस्थापक एवं अभिनेता कमल हासन ने शनिवार को कहा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ का प्रस्ताव ‘‘खतरनाक’’ है और इसकी खामियों के निशान अब भी कुछ देशों में देखने को मिलते हैं, इसलिए इसकी भारत में न तो अभी और न ही भविष्य में जरूरत है।
हासन ने किसी दल या नेता का नाम लिए बिना कहा कि अगर 2014 या 2015 में एक साथ चुनाव होते, तो एकतरफा परिणाम आते और तानाशाही, अभिव्यक्ति की आजादी के खात्मे और एक नेता के प्रभुत्व के रूप में दुष्परिणाम सामने आते।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको समझना चाहिए कि हम इससे बच गए...हम उस बीमारी से बच गए, जो कोरोना वायरस से अधिक घातक है।’’
हासन ने एक साथ चुनाव को लेकर की गई टिप्पणी के दौरान यूरोप और रूस का संदर्भ दिया, लेकिन ऐसे एक भी देश का उल्लेख नहीं किया, जहां पर यह व्यवस्था विफल हुई है।
हासन ने कहा कि तब क्या होगा जब सभी ट्रैफिक लाइट एक ही समय में एक ही रंग की हो जाएं? उन्होंने कहा कि लोगों को सोचने और अपनी पसंद का चुनने के लिए समय दिया जाना चाहिए।
एमएनएम प्रमुख ने कहा कि उन्हें राजनीति में नहीं आने और बिग बॉस की मेजबानी नहीं करने की सलाह दी गई थी। उन्होंने सवाल किया कि लोगों से मिलने और संवाद करने के अवसर का इस्तेमाल करने में क्या बुराई है।
हासन ने कहा कि मैं चार साल की उम्र से ही ‘मंच’पर हूं और इसलिए अभिनेता के तौर पर चर्चा में रहने के वह आदी हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह नशा नहीं है, बल्कि मेरे जीने का तरीका है। जीवन ने मुझे यही संदेश दिया है। इसलिए मैंने राजनीति को चुना।’’
हासन ने कहा कि अगर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं चलती है, तो निर्माता अभिनेता को ‘न’ कह सकते हैं, लेकिन लोग ऐसे नहीं हैं; ‘‘वे याद करेंगे, वे यहां तक असफल नेता को भी याद करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि वह केवल खुद को असफल नेता कहते हैं और यह असफलता ‘स्थायी’नहीं है, ठीक वैसे ही जैसे प्रधानमंत्री का पद भी ‘स्थायी’ नहीं है।
हासन ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि गांधी जी, डॉ.बी आर आम्बेडकर और पंडित जवाहर लाल नेहरू ने देश को मजबूत लोकतांत्रिक ढांचा दिया, जिसे कुछ लोगों की कोशिश के बावजूद पलटा नहीं जा सकता।
हासन ने कहा कि वह और उनके समर्थकों सहित तमिलनाडु की जनता ईमानदार करदाता है और इसलिए उनका सम्मान करने के बजाय ‘‘ आप उन्हें दंडित करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
हासन ने चिंता जताई कि परिसीमन की प्रक्रिया में तमिलनाडु की संसदीय सीट की संख्या कम की जा सकती है। इस समय राज्य में लोकसभा की 39 सीट है। उन्होंने कहा कि यह तमिलनाडु है, जिसने केंद्र सरकार की जनसंख्या नियंत्रण नीति पर अमल किया और लक्ष्य को प्राप्त किया।
एमएनएम संस्थापक ने कहा, ‘‘आज आप क्या कह रहे हैं? आपकी आबादी कम हो गई है और आप सभी को संसद में क्यों आना चाहिए? अगर कुछ (थोड़े से) लोग संसद में आ जाएं तो यह पर्याप्त होगा और बाकी का काम हम उत्तर प्रदेश के लोग, जिनकी आबादी करीब 20 करोड़ है, कर लेंगे। इसलिए, हमारे लिए सीटें ज्यादा होनी चाहिए और आपके लिए कम।हालांकि, इसे इस तरह से निर्धारित नहीं किया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि देश करदाताओं के पैसे से चलता है और कोष के समान वितरण की वकालत की।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 22:53 IST, September 21st 2024