Published 14:54 IST, December 16th 2024
Zakir Hussain: सबसे कम उम्र में पद्मश्री तो रविशंकर से मिला था ‘उस्ताद’ का खिताब, एक्टिंग भी की
‘वाह ताज’...शानदार अंदाज और तबले पर कमाल की धुन देने वाले ‘उस्ताद’ जाकिर हुसैन हर एक अंदाज में कमाल के थे।
- मनोरंजन
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‘वाह ताज’...शानदार अंदाज और तबले पर कमाल की धुन देने वाले ‘उस्ताद’ जाकिर हुसैन हर एक अंदाज में कमाल के थे। उन्होंने भले ही दुनिया को अलविदा कह दिया हो मगर वह अपने इसी अंदाज के साथ प्रशंसकों के दिलों में जिंदा रहेंगे। इसमें कोई शक नहीं कि वर्सेटाइल जाकिर हुसैन के हिस्से में ढेरों उपलब्धियां थीं। हुसैन सबसे कम उम्र में पद्मश्री (37) अपने नाम करने वाली शख्सियत में से एक थे।
जाकिर हुसैन ने अभिनय में भी खुद को आजमाया था। 1983 में रिलीज हुई फिल्म 'हीट एंड डस्ट' से अभिनय में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी, जिसमें उन्होंने एक मकान मालिक का किरदार निभाया था। फिल्म ‘साज’ में जाकिर हुसैन ने शबाना आजमी के साथ काम किया था। फिल्म 1998 में रिलीज हुई थी। इसके बाद हुसैन फिल्म ‘द परफेक्ट मर्डर’ में नजर आए थे।
जाकिर हुसैन को उनके आकर्षक लुक की वजह से काफी पसंद किया जाता था।
जाकिर हुसैन ने 'बावर्ची', 'सत्यम शिवम सुंदरम', 'हीर-रांझा' जैसी फिल्मों के संगीत में भी अपना जादू चलाया था। उस्ताद हुसैन ने इसी साल रिलीज देव पटेल की फिल्म ‘मंकी मैन’ में भी काम किया था। फिल्म में जाकिर हुसैन ने एक तबला वादक का रोल निभाया था।
जाकिर हुसैन सबसे कम उम्र में पद्मश्री पाने वाली शख्सियत थे। भारतीय सरकार ने उस्ताद को 1988 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा था। जानकारी के अनुसार पंडित रविशंकर ने जाकिर हुसैन को सबसे पहले ‘उस्ताद’ कहकर पुकारा था और फिर ये सिलसिला कभी रुका नहीं और वह जाकिर हुसैन से उस्ताद जाकिर हुसैन बन गए।
देश के महान तबला वादक जाकिर हुसैन ने 73 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया। ‘उस्ताद’ खतरनाक फेफड़े की बीमारी इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित थे। उनका सैन फ्रांसिस्को में इलाज चल रहा था।
Updated 14:54 IST, December 16th 2024