Published 16:56 IST, December 16th 2024
'सपा के समाजवाद का असली मतलब है नमाजवाद...', संभल हिंसा पर केशव प्रसाद मौर्य ने दिया टका सा जवाब
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा-कांग्रेस का हाथ दंगाई, अपराधी और भ्रष्टाचारियों के साथ है। SP के समाजवाद का मतलब नमाजवाद, तुष्टिकरण की राजनीति, दंगे और अराजकता।
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UP News: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सोमवार को मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। सपा विधायकों ने संभल और बहराइच की हाल की सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा कराने की मांग को लेकर अध्यक्ष के आसन के सामने हंगामा किया, जिसके बाद अध्यक्ष ने करीब एक घंटे के लिए सदन स्थगित कर दिया। सपा पर सीएम योगी आदित्यनाथ औरडिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जमकर निशाना साधा है।
केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सपा और कांग्रेस का हाथ दंगाई, अपराधी और भ्रष्टाचारियों के साथ है। उन्होंने सपा के समाजवाद पर तंज कसते हुए कहा कि सपा के समाजवाद का असली मतलब है नमाजवाद, तुष्टिकरण की राजनीति, दंगे और अराजकता है। अखिलेश यादव के शासनकाल में उत्तर प्रदेश दंगों की राजधानी बन चुका था। आज, BJP सरकार में यूपी दंगामुक्त, सुरक्षित और विकास के पथ पर अग्रसर है।
'विधायक-सांसद की आपसी लड़ाई'
संभल हिंसा पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने के बाद 2017 से कोई दंगा नहीं हुआ। 4 लोग विधायक और सांसद की आपस की लड़ाई की भेंट चढ़ गए। प्रशासन ने स्थिति नहीं संभाली होती तो हालात बेकाबू हो जाते। उन्होंने कहा कि ‘सरकार सबका साथ, सबका विकास की नीति’ पर काम कर रही है। संभल के दोषियों के खिलाफ जांच हो रही है, जो दोषी होंगे सख्त कार्रवाई होगी।
'साम्प्रदायिक दंगों में 97% से 99% कमी'
विधानसभा में संभल और बहराइच मामले पर बोले हुए सीएम योगी ने कहा कि 'अपनी रुचि और अपने एजेंडे के रूप में ही विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाया। हम भी बुद्ध को मानते हैं, भारत की एक विरासत है, सरकार भी उसी को लेकर कार्य कर रही है। NCRB के आंकड़ों में 2017 से अब तक प्रदेश में साम्प्रदायिक दंगों में 97% से 99% की कमी आई है। जिसको आप दंगे कहते हैं, वो 2017 से अब तक नहीं हुए।' NCRB आंकड़ों का हवाला देते हुए सीएम योगी ने कहा कि '2012 से 2017 तक प्रदेश में 817 दंगे हुए और 192 लोगों की मौत हुई। 2007 से 2011 बीच 616 साम्प्रदायिक घटनाएं हुई, जिनमें 121 मौत हुई।
संभल के मंदिर-मस्जिद विवाद पर सीएम ने कहा कि सूर्य-चांद और सत्य को बहुत देर तक छिपा नहीं सकते। ये तो बाबरनामा में भी लिखा गया है कि हर मंदिर को तोड़कर एक ढांचा खड़ा किया गया है। ये केवल सर्वे की बात थी। जिलाधिकारी, जिले का एडमिनिस्ट्रेशन हेड है। इनका दायित्व है कि न्यायालय के आदेशों का पालन करे।
संभल हिंसा में 4 लोगों की मौत
आपको बतादें, संभल में 19 नवंबर को एक स्थानीय अदालत द्वारा मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण कराए जाने का आदेश दिए जाने के बाद से तनाव की स्थिति थी। उसके बाद 24 नवंबर को मस्जिद के दूसरे सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। इसके पहले 13 अक्टूबर को बहराइच जिले के हरदी थाना क्षेत्र के महाराजगंज कस्बे में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी।
Updated 16:56 IST, December 16th 2024