पब्लिश्ड 16:37 IST, December 31st 2024
दूरदर्शन श्याम बेनेगल की याद में ‘मंथन’ का नए रंग-रूप में बहाल संस्करण प्रदर्शित करेगा
राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन ने मंगलवार को घोषणा की कि वह नये साल का स्वागत दिग्गज फिल्मकार श्याम बेनेगल की याद में उनकी फिल्म ‘‘मंथन’’ के नए रंग रूप में बहाल किए गए संस्करण को दिखाकर करेगा।
- मनोरंजन
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Filmmaker Shyam Benegal: राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन ने मंगलवार को घोषणा की कि वह नये साल का स्वागत दिग्गज फिल्मकार श्याम बेनेगल की याद में उनकी फिल्म ‘‘मंथन’’ के नए रंग रूप में बहाल किए गए संस्करण को दिखाकर करेगा। बेनेगल ने 1970 और 1980 के दशक में फिल्म जगत में समानांतर सिनेमा को दिशा देने में अग्रणी भूमिका निभाई थी। बेनेगल का 23 दिसंबर को किडनी की बीमारी के कारण यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे।
फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन (एफएचएफ) ने ‘एक्स’ के अपने आधिकारिक पेज पर यह जानकारी साझा की। एफएचएफ ने इस वर्ष के प्रारंभ में कान फिल्म महोत्सव में कान क्लासिक खंड में 1976 की इस फिल्म के प्रीमियर के लिए इसका संस्करण बहाल किया था।
एफएचएफ के अनुसार, बुधवार को रात आठ बजे दूरदर्शन पर ‘‘मंथन’’ का प्रसारण होगा। फाउंडेशन ने कहा, ‘‘दिवंगत फिल्मकार श्याम बेनेगल को श्रद्धांजलि देने के लिए, दूरदर्शन नए साल की शुरुआत एक जनवरी, 2025 को रात आठ बजे दूरदर्शन पर ‘मंथन’ (1976) के प्रदर्शन के साथ करेगा, जिसे एफएचएफ ने गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड (अमूल) के सहयोग से नए रंग रूप में बहाल किया है।’’
फिल्म ‘‘मंथन’’ डॉ. वर्गीज कुरियन के दुग्ध सहकारी आंदोलन से प्रेरित थी। सहकारी आंदोलन की बदौलत भारत विश्व के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादकों में से एक बन गया। गुजरात के पांच लाख किसानों के 2-2 रुपए के सहयोग से ‘‘मंथन’’ का निर्माण हुआ था। अंग्रेजी में फिल्म का नाम ‘‘चर्निंग’’ है। फिल्म के शुरूआती क्रेडिट में लिखा आता है: ‘‘गुजरात के 5,00,000 किसान प्रस्तुत करते हैं।’’
‘‘मंथन’’ की कहानी एक युवा पशु चिकित्सक (गिरीश कर्नाड) की है जो दमनकारी ताकतों के खिलाफ लड़कर ग्रामीण किसानों को सशक्त बनाने वाली दूध सहकारी संस्था स्थापित करता है। इसमें स्मिता पाटिल, नसीरुद्दीन शाह और अमरीश पुरी भी थे।
अपडेटेड 16:37 IST, December 31st 2024