Search icon
Download the all-new Republic app:

पब्लिश्ड 14:49 IST, December 28th 2024

पाम-पोमोलीन मंहगा होने, बाकी तेलों की मांग बढ़ने से अधिकांश तेल-तिलहन में सुधार

पाम, पामोलीन मंहगा होने के बाद इसकी कमी को पूरा करने का दवाब बाकी तेल-तिलहनों पर बढ़ने के कारण शनिवार को अधिकांश तेल-तिलहनों के दाम सुधार दर्शाते बंद हुए।

तेल आयात | Image: Shutterstock

पाम, पामोलीन मंहगा होने के बाद इसकी कमी को पूरा करने का दवाब बाकी तेल-तिलहनों पर बढ़ने के कारण शनिवार को अधिकांश तेल-तिलहनों के दाम सुधार दर्शाते बंद हुए।

इस दौरान सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल के दाम पर्याप्त सुधार दर्शाते बंद हुए। माल नहीं खपने और आवक घटने के बीच क्रमश: मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला तेल के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि पाम, पामोलीन का दाम मंहगा होने से इन तेलों की कमी को पूरा करने का दवाब सरसों, सोयाबीन जैसे तेलों पर आ गया है। इस बढ़ती मांग के साथ साथ जाड़े की मांग बढ़ने से सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार है। सरसों की आवक भी कम हो रही है।

उन्होंने कहा कि यही हाल सोयाबीन का भी है और मंडियों में सोयाबीन की भी आवक कम है। पाम-पामोलीन की कमी को पूरा करने का दवाब सोयाबीन पर भी है। लेकिन सोयाबीन के आयात में औसतन लगभग 60 दिन लगते हैं। ऐसे में आयात कौन करेगा? यही समझना होगा कि सरकारी खरीद से केवल काम नहीं चलेगा बल्कि देशी तेल तिलहनों का बाजार बनाना जरूरी है।

मौजूदा समय में सरसों, सोयाबीन का बाजार खुद ब खुद बन गया है। यहीं वायदा कारोबार हो रहा होता तो सरसों के भाव में स्थिरता बनी नहीं रह पाती।

सूत्रों ने कहा कि पाम, पामोलीन तेल के मंहगा होने के कारण कोई कमजोर आयवर्ग के लोग भी इसे खरीदने से परहेज कर रहे हैं। इसकी जगह जाड़े में लोग सरसों, सोयाबीन आदि खरीदना पसंद कर रहे हैं। मांग कमजोर रहने के बीच केवल पाम, पामोलीन के भाव ऊंचे बने हुए हैं लेकिन इसके लिवाल नदारद हैं। केवल भाव में तेजी है।

उन्होंने कहा कि मूंगफली तेल खप नहीं रहा क्योंकि इसके खल के दाम कमजोर हैं। बिनौला खल के दाम कमजोर रहने का असर मूंगफली खल पर भी आया है और इस कारण मूंगफली तेल के दाम पर भी दवाब है और इस दवाब के बीच मूंगफली तेल-तिलहन पूर्ववत बने रहे।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 6,650-6,700 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 5,925-6,250 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,400 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,170-2,470 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,330-2,430 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,330-2,455 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,325 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 13,250 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,100 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,450 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 13,500 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 4,325-4,375 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,025-4,125 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,100 रुपये प्रति क्विंटल।

ये भी पढे़ंः 'पता होना चाहिए, आदेश का पालन न हुआ तब क्या होगा', क्यों पंजाब सरकार पर भड़का सुप्रीम कोर्ट? बोला- आपके रवैये से संतुष्ट नहीं

अपडेटेड 14:49 IST, December 28th 2024

Recommended

Search icon
Home
Live TV
चुनाव
Quick
भारत
दुनिया
मनोरंजन
कारोबार
खेल
लाइफस्टाइल
वीडियो
वेब स्टोरीज
शोज
फोटो गैलरीज
शॉर्ट्स
टेक्नोलॉजी
धर्म और आध्यात्मिकता
वायरल
रक्षा
लेटेस्ट न्यूज़
प्रधान सेवक
Download the all-new Republic app: