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Published 12:05 IST, September 30th 2024

Nepal Flood: नेपाल में हालात बेकाबू, बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 200 की मौत, हजारों बेघर

नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन के कारण जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 200 तक पहुंच गई है। बारिश की वजह से हालात बेकाबू हो गए। बड़ी संख्या में लोग लापता हैं।

Reported by: Rupam Kumari
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नेपाल में बाढ़ से बुरा हाल | Image: PTI

नेपाल में बारिश की वजह से आई बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई है। बाढ़ और भूस्खलन के कारण जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 200 तक पहुंच गई है। बड़ी संख्या में लोग घायल हैं तो लापता लोगों का आंकड़ा भी बढ़ता ही जा रहा है। हजारों की संख्या में लोग बेघर हो गए हैं। पूरे नेपाल में जगह-जगह सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। 44 स्थानों पर मुख्य राजमार्ग अवरुद्ध है।

पिछले शुक्रवार से लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ आई और जगह जगह भूस्खलन हुआ, जिससे हिमालयी राष्ट्र में तबाही मच गई। नेपाल के पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि लगातार हो रही बारिश, बाढ़, भूस्खलन और पानी भर जाने की वजह से कम से कम 200 लोग मारे गए हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 42 लोग लापता हैं।

नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से तबाही

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम पोखरेल ने बताया कि बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 111 लोग घायल हुए हैं। सभी सुरक्षा एजेंसियों की मदद से खोज और बचाव अभियान जारी है। उन्होंने कहा कि नेपाली सेना ने देशभर में फंसे 162 लोगों को हवाई मार्ग से निकाला है।बाढ़ और जलभराव से प्रभावित लगभग 4,000 लोगों को नेपाली सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने बचाया है।

जलमग्न हो गए सैंकड़ों घर

नेपाली सेना की मदद से बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। लोगों को खाद्यान्न सहित सभी आवश्यक राहत सामग्री वितरित की गई है। बाढ़ से नेपाल में कम से कम 322 घर और 16 पुल क्षतिग्रस्त हो गये हैं। बाढ़ ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है जिसके बाद नदियां उफान पर है। हालात को देखते हुए अगले आदेश तक सभी शैक्षणिक संस्थानों बंद कर दिया है। देश के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

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1970 के बाद पहली बार रिकॉर्ड बारिश

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहना है कि उन्होंने 40-45 वर्षों में काठमांडू घाटी में ऐसी विनाशकारी बाढ़ और जलभराव कभी नहीं देखा। नदियां अपने साथ सब कुछ बहा कर ले जा रही है। इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (आईसीआईएमओडी) के जलवायु एवं पर्यावरण विशेषज्ञ अरुण भक्त श्रेष्ठ ने कहा, मैंने काठमांडू में इस पैमाने पर बाढ़ पहले कभी नहीं देखी। काठमांडू में 1970 के बाद बीते शनिवार को सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई। प्रभावित इलाकों में नेपाल पुलिस की ओर से लगभग तीन हजार सुरक्षाकर्मियों की बचाव टीम तैनात की गई है।

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Updated 14:13 IST, September 30th 2024

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