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Published 22:45 IST, September 4th 2024

भारत ने बांग्लादेश के साथ निर्धारित सीमा वार्ता की तिथियों का प्रस्ताव रखा

बांग्लादेश का एक उच्चस्तरीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली के अपने समकक्षों के साथ पारंपरिक द्विवार्षिक सीमा वार्ता के लिए अगले महीने भारत आ सकता है।

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भारत-बांग्लादेश रिलेशन | Image: X

बांग्लादेश का एक उच्चस्तरीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली के अपने समकक्षों के साथ पारंपरिक द्विवार्षिक सीमा वार्ता के लिए अगले महीने भारत आ सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

पिछले महीने शेख हसीना सरकार के अपदस्थ होने के बाद सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए दोनों पड़ोसी देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की यह पहली बैठक होगी।

सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भारत ने इन वार्ताओं के लिए दो तिथियां- एक इस महीने के अंत में तथा दूसरी अक्टूबर में प्रस्तावित की हैं।

सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेशी पक्ष ने संकेत दिया है कि वे बाद की तिथि चुन सकते हैं और आगमन और वापसी के दिनों समेत लगभग चार-पांच दिन के लिए भारत की यात्रा कर सकते हैं।

यह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के बीच महानिदेशक स्तर की 55वीं वार्ता होगी जिसमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, मादक पदार्थ निरोधक, सीमा शुल्क और दोनों देशों की कुछ अन्य संघीय एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल होंगे।

यह वार्ता पिछली बार मार्च में ढाका में आयोजित की गई थी।

सूत्रों ने बताया कि उस बैठक के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल चार हजार किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा पर 92 संवेदनशील स्थानों पर बाड़ लगाने के लिए बांग्लादेश की सहमति प्राप्त करने में सफल रहा था। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृतव बीएसएफ के तत्कालीन महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने किया था।

बीएसएफ देश के पूर्वी हिस्से में बांग्लादेश से लगी 4,096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय भारतीय सीमा की रक्षा करता है।

सूत्रों ने बताया कि आगामी बैठक में ‘‘व्यापक’’ सीमा प्रबंधन, सीमा पार अपराधों पर अंकुश लगाने, सीमा पर वास्तविक समय की खुफिया जानकारी साझा करने में आपसी समन्वय से संबंधित पारंपरिक मुद्दों और विषयों पर चर्चा की जायेगी।

भारत की बीएसएफ और बांग्लादेश की बीजीबी के बीच दशकों से ‘‘ सौहार्द और मित्रता’’ रही है और दोनों पक्षों से इस रिश्ते को और गहरा करने की उम्मीद है।

अधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित वार्ता में बांग्लादेश संकट के बाद सीमा पर हो रहे सभी घटनाक्रमों को ध्यान में रखे जाने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में होने वाली इन वार्ताओं के लिए निर्धारित समय-सीमा सितंबर-अक्टूबर है, लेकिन यदि बीजीबी और बांग्लादेश के गृह मंत्रालय में शीर्ष स्तर पर बदलाव होता है तो बैठक स्थगित भी हो सकती है।

महानिदेशक स्तर की सीमा वार्ताएं 1975 से 1992 के बीच प्रतिवर्ष आयोजित की जाती थीं, लेकिन 1993 में इन्हें द्विवार्षिक कर दिया गया तथा दोनों पक्ष बारी-बारी से नई दिल्ली और ढाका की यात्रा करते हैं।

हसीना सरकार के अपदस्थ होने के बाद देशभर में भड़की हिंसा की घटनाओं में बांग्लादेश में 230 से अधिक लोग मारे गए थे। इससे छात्रों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 600 से अधिक हो गई।

नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस (84) के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार अब देश की कमान संभाल रही है।

Updated 22:45 IST, September 4th 2024

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