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पब्लिश्ड 21:58 IST, November 27th 2024

बांग्लादेश में चिन्मय दास की गिरफ्तारी के पीछे जमात-ए-इस्लामी की साजिश,चौंकाने वाला खुलासा

बांग्लादेश में इस्कॉन के पुजारी चिन्मय दास की गिरफ्तारी की साजिश को लेकर बड़ा खुलासा हुआ। सूत्रों के अनुसार गिरफ्तारी के पीछे जमात-ए-इस्लामी की साजिश है।

चिन्मय दास की गिरफ्तारी के पीछे किसका हाथ? | Image: ANI/X

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही घटनाओं का भारत में लगातार विरोध किया जा रहा है। एक तरफ केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने संयुक्त राष्ट्र से मामले को संज्ञान में लेने की अपील की। इस बीच सूत्रों के हवाले से बड़ी जानकारी सामने आई है। कहा जा रहा है कि बांग्लादेश में इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के पीछे जमात-ए-इस्लामी-बांग्लादेश की साजिश है।

सूत्रों के अनुसार बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के पीछे जमात-ए-इस्लामी- बांग्लादेश की साजिश है। बांग्लादेश में बढ़ रही हिंदु एकता से चिंतित है जमात। वहीं पुजारी दास की गिरफ्तारी का मुख्य कारण यह है कि जमात-ए-इस्लामी इस्कॉन के तहत हिंदुओं का एकीकरण हो रहा है।

हिंदुओं को मिल रहे समर्थन से जमात को ऐतराज

दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास हिंदुओं के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं और उनकी अहम भूमिका के चलते हिंदुओं पर हुए अत्याचार पर दुनिया की नजर बन रही है। बांग्लादेश में हिंदुओं को मिल रहे अंतरराष्ट्रीय समर्थन से भी जमात नाराज थी। हिंदुओं के विरोध प्रदर्शन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया, कई मानवाधिकार संगठनों और हिंदू समूहों ने इस्कॉन के नेतृत्व वाले आंदोलन के साथ एकजुटता व्यक्त की।

युनूस सरकार में भी जमात दे रहा दखल

जमात को डर है कि अगर आंदोलन ऐसे ही तेज हुए तो आवामी लीग को इससे बांग्लादेश की राजनीति में वापस आने का मौका मिल जाएगा। जमात ए इस्लामी का युनूस सरकार में काफी दखल भी है। अगर आवामी लीग वापस सत्ता में आ गई तो जमात ए इस्लामी पर वापस से बैन लग सकता है।

गिरिराज सिंह ने UN से की हस्तक्षेप की मांग

इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने संयुक्त राष्ट्र से बड़ी मांग कर दी है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की सरकार आ गई है। बांग्लादेश सरकार कट्टरपंथियों के दबाव में आ गई हैं। ये कट्टरपंथी मंदिरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं। मैं भारत सरकार के दूतावास को धन्यवाद देता हूं जिसने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है लेकिन संयुक्त राष्ट्र को भी इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए। अब समय आ गया है यूएन को इसका संज्ञान लेना चाहिए।"

इस्कॉन कोलकाता की केंद्र सरकार से अपील

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष दास ने कहा, “हमने केंद्र सरकार से बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालने का आग्रह किया ताकि ऐसी घटनाएं रुकें।” उन्होंने कहा कि इस्कॉन यह भी चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र इस स्थिति पर संज्ञान ले और चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई के लिए जो भी आवश्यक हो वह करे। दास ने कहा कि चिन्मय कृष्ण दास को पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग उठाने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता ने कहा, “हाल के दिनों में बांग्लादेश में कई स्थानों पर हमारे पुजारियों का अपहरण कर लिया गया और कुछ को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं लेकिन वहां के अधिकारियों ने बताए जाने के बावजूद हमारी चिंताओं को दूर करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए।” बांग्लादेश में प्रमुख हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को राजद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है और अदालत ने मंगलवार को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया। ढाका और चटगांव में हिंदू समुदाय के सदस्यों के विरोध प्रदर्शनों के बीच ब्रह्मचारी को जेल भेज दिया गया।

इसे भी पढ़ें: BREAKING: अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा, कोर्ट ने मंजूर की याचिका, सभी पक्षकारों को नोटिस 

अपडेटेड 21:58 IST, November 27th 2024

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